कानपुर में परिवार संग जेल भेजे गए बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के पाकिस्तानी कनेक्शन के सबूत खुफिया एजेंसियों को मिले हैं। डॉ. रिजवान के फर्जी पासपोर्ट पर तीन बार पाकिस्तान जाने के सबूत मिले हैं। वह कराची और पेशावर गया था। इसके साथ ही, फर्जी पासपोर्ट की मदद से थाईलैंड और नेपाल भी जा चुका है।
वह परिवार के साथ चोरी छिपे बांग्लादेश और भारत में कई बार यात्रा करता था। उसके पास से बरामद लैपटॉप में भारत-पाकिस्तान से जुड़े संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के पाकिस्तानी जासूस होने का शक है।
एटीएस, एनआईए और मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों को रिजवान से जुड़े हुए इनपुट दिए गए हैं। जेसीपी ने बताया कि डॉ. रिजवान पिछले पांच साल से शहर के पॉश इलाके आर्यनगर के इंपीरियल रेजीडेंसी के आठवीं मंजिल पर फ्लैट नंबर 801 में परिवार समेत रह रहा था।
जांच में पता चला कि डॉ. रिजवान ने पत्नी हिना, ससुर खालिद, बेटी रुखसार और बेटे के भी फर्जी दस्तावेज बना रखे थे। ससुर खालिद माजिद और हिना चमनगंज के रहने वाले हैं लेकिन दोनों ने जाली दस्तावेजों से बांग्लादेश का पासपोर्ट बनवा रखा था। दोनों कई साल बांग्लादेश में रहे थे।
वहां से लौटने पर ससुर खालिद ने बांग्लादेशी दामाद रिजवान और नातिन और नाती का मूलगंज मैदा मार्केट वाले घर के पते पर आधार कार्ड, भारतीय पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज बनवाए। इन सभी के पास कानपुर और बांग्लादेश दोनों ही देशों के पहचान पत्र और पासपोर्ट मिले हैं।
रिजवान के घर इरफान का था आना-जाना
सपा विधायक इरफान सोलंकी का बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के घर अक्सर आना-जाना होता था। इसकी पुलिस को इस संबंध में कई साक्ष्य मिले हैं। साथ ही रिजवान जिस बिल्डिंग में रहता था, उसके सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में भी इरफान के आवाजाही की पुष्टि हुई है
सबूत मिले, तो विधायक और पार्षद का भी बढ़ेगा नाम
पुलिस ने बताया कि विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान ने आधार कार्ड बनवाने, पासपोर्ट, फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट समेत अन्य जाली दस्तावेज बनवाने में हर बार अपने लेटर पैड पर लिखकर दिया कि डॉ. रिजवान और उनका परिवार भारतीय है।