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सिसोदिया, जैन व गहलोत का रिपोर्ट कार्ड खराब, तीनों पर भाजपा ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप

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सौ का दम भाजपा के लिए कमतर नहीं है। आम आदमी पार्टी को भाजपा प्रत्याशियों ने कांटे की टक्कर दी। 100 से अधिक सीट पर विजय तो हासिल की ही। साथ ही, डेढ़ दर्जन से अधिक सीट पर कड़ा मुकाबला रहा। ये वह सीट थीं जहां कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया और त्रिकोणीय चुनाव नहीं बना।

भाजपा इस बार स्थानीय मुद्दे को छोड़कर घोटाले और भ्रष्टाचार का आरोप सत्ताधारी पार्टी पर लगाकर चुनाव लड़ रही थी। तिहाड़ से सत्येंद्र जैन के तरह-तरह के वीडियो वायरल करना तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आबकारी नीति में कथित घोटाला का बार-बार आरोप मढ़ना। इसी तरह कैलाश गहलोत पर डीटीसी में कथित घोटाले का आरोप लगाना इस चुनाव में जरूर काम आया।

चुनावी परिणाम आने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि तीनों मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र की जनता ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को या तो नकार दिया या जीत-हार का अंतर मामूली रहा। मनीष सिसोदिया पटपड़गंज के विधायक हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में मयूर विहार फेज टू, पटपड़गंज, विनोद नगर और मंडावली वार्ड आता है। इसमें तीन वार्ड में भाजपा की जीत हुई है, जबकि एक सीट आप के खाते में गई है।

इसी तरह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ में बंद सत्येंद्र जैन के शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र में सरस्वती विहार, पश्चिम विहार, रानीबाग वार्ड हैं। तीनों वार्ड में भाजपा की जीत हुई है। कैलाश गहलोत नजफगढ़ विधानसभा सीट से आते हैं। यहां चार वार्ड हैं। इन चारों वार्ड में आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। तीन वार्ड में भाजपा ने परचम लहराया है तो एक में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है।

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