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और ढील देने के मूड में नहीं सरकार, दो दिन में अधिसूचित होगी संशोधित एमबीबीएस बॉन्ड पॉलिसी

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट कर दिया है कि अब बॉन्ड पॉलिसी में और रियायत मिलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि संशोधित एमबीबीएस बॉन्ड पॉलिसी से 80 प्रतिशत विद्यार्थी सहमत हैं। शेष 20 प्रतिशत या तो पॉलिसी को समझ नहीं पाए हैं या वह किसी अन्य के कहने पर विरोध कर रहे हैं। सरकार की तरफ से सबकुछ फाइनल किया जा चुका है।

आगामी दो से तीन दिन में संशोधित बॉन्ड पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। पत्रकारों से बातचीत में मनोहर लाल ने कहा कि मेडिकल विद्यार्थियों के साथ सौहार्दपूण वातावरण में बैठक हुई थी। बैठक में एक-एक बिंदु पर विस्तारपूर्वक चर्चा के बाद ही यह फैसले लिए गए हैं। नई पॉलिसी विद्यार्थियों और प्रदेश के लोगों के हित में है।

एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि सरकार पॉलिसी को लेकर सब कुछ कर चुकी है। गुरुवार को प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने रोहतक में धरना दे रहे विद्यार्थियों के बीच अपनी बात रखनी थी, अब उन्होंने बताया है, क्योंकि सरकार अधिकतर मांगें पूरी कर चुकी है, इसलिए उनको अपनी हड़ताल वापस लेनी चाहिए और कक्षाओं में हिस्सा लें।

बता दें कि बॉन्ड पालिसी को लेकर विद्यार्थियों की मुख्यमंत्री के साथ पांच घंटे तक बैठक चली थी। संशोधित पालिसी के अनुसार समय अवधि पांच साल और बॉन्ड राशि 30 लाख रुपये तय की गई है। इसके अलावा, एक साल के अंदर नौकरी की गांरटी भी दी गई। वहीं, विद्यार्थी अभी भी आंदोलन पर अड़े हैं।

 

पंचायत भाजपा ने जीती अधिक सीटें

एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव में सबसे अधिक सीटें भाजपा ने जीती हैं। भाजपा ने केवल 7 जिलों में सिंबल पर चुनाव लड़ा था, केवल इन जिलों के आधार पर पूरे प्रदेश का आंकलन नहीं किया जा सकता है। शेष जिलों में जिला इकाइयों पर फैसला छोड़ा था और वहां पर बिना सिंबल के चुनाव लड़ा गया था। सबसे अधिक भाजपा 225 प्रत्याशी इसमें जीते हैं। आप और इनेलो के नेताओं द्वारा पंचायत चुनाव के नतीजों से खुश होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को खुश रहना चाहिए। हकीकत सभी को पता है।

बॉन्ड पॉलिसी की आड़ में मेडिकल फीस बढ़ाने की साजिश: सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सरकार बॉन्ड के बहाने एमबीबीएस फीस बढ़ाने की साजिश रच रही है। पिछले 30 दिन से विद्यार्थी धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार उनकी बातें नहीं सुन रही है। सरकार का यह रवैया कतई बर्दाश्त नहीं है। हरियाणा में किसी को भी यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि बॉन्ड के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये लूटने की यह नीति चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित रहेगी।

मेडिकल छात्रों को लूटने के बाद यह आग इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी को भी अपनी चपेट में ले लेगी। हकीकत में यह गरीब-मजदूर, किसान व आम जनों के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की भाजपा की साजिश है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर जगह डॉक्टर की कमी है। अस्पतालों में 6,600 पद खाली पड़े हैं लेकिन सरकार मेडिकल विद्यार्थियों से बॉन्ड मांग रहे हैं। हरियाणा सरकार को तुरंत प्रभाव से पॉलिसी को वापस लेना चाहिए।

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