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निजी बस ऑपरेटरों के परमिटों की होगी जांच, सभी RTA से रिकॉर्ड तलब

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अवैध रूप से विस्तारित 806 बस परमिटों को रद्द करने की बड़ी कार्रवाई के बाद पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक बार फिर निजी बस ऑपरेटरों के परमिटों की जांच शुरू कर दी है। विभाग ने सभी आरटीए को पत्र भेजकर निजी बस ऑपरेटरों को जारी छोटे और लंबी दूरी के परमिटों की सूची तलब की है।

हालांकि विभाग ने इस कार्रवाई को निजी ऑपरेटरों की अनियमितताओं की जांच करार दिया है लेकिन सूत्र कुछ और बता रहे हैं। उनके मुताबिक इस फैसले के जरिये नेताओं की बस कंपनियों को मिले परमिटों और उनके जरिये विशेष व कमाई वाले रूटों की अलॉटमेंट और टाइमटेबल में उनकी बसों को भीड़भाड़ वाले समय के लिए तरजीह देने की जांच की जाएगी।

इससे पहले ट्रांसपोर्ट विभाग ने इसी साल 806 बस परमिटों को रद्द कर दिया था। इनमें 191 परमिट 400 बसों से संबंधित थे और ये सभी बसें एक सियासी परिवार की थीं। इस फैसले के बाद इस परिवार की 150 बसों को सड़कों से हटा दिया गया था, जबकि उनके सहयोगी ऑपरेटरों की 250 बसों के लिए विभाग ने 118 परमिटों को अवैध करार दिया था। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, परमिटों की जांच का फैसला उन शिकायतों के बाद लिया गया है, जिनमें कई निजी ऑपरेटरों को कमाई वाले रूटों पर सरकारी बसों की आवाजाही घटाकर परमिट जारी किए गए।

 

इसके अलावा ऐसे निजी ऑपरेटरों के बारे में भी शिकायतें मिली हैं, जिन्हें खास रूटों के साथ-साथ बसों के टाइमटेबल में वह समय अलॉट किए गए हैं, जब सवारियों की संख्या बहुत अधिक रहती है। हालांकि इन शिकायतों की जांच करते हुए विभाग ने अपने कई अफसरों और बस अड्डे पर तैनात मुलाजिमों के खिलाफ कार्रवाई की थी।

पंजाब सरकार ने सूबे की सड़कों पर दौड़ रही निजी ऑपरेटरों की बसों पर एक बार फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस बार ट्रांसपोर्ट विभाग ने सभी आरटीए से निजी ऑपरेटरों को जारी परमिटों का लेखाजोखा उपलब्ध कराने को कहा है। हालांकि विभाग का दावा है कि इन परमिटों की जांच कर अनियमितताओं का पता लगाया जाएगा लेकिन माना जा रहा है कि इसके जरिये विभाग नेताओं की बसों पर लगाम लगाने की तैयारी में है।

निजी ऑपरेटर परमिटों की फोटोकॉपी से चला रहे बसें
ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि निजी बसों को अलॉट छोटे व लंबी दूरी के परमिटों की जांच का फैसला हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया था। यह बैठक छोटे व ग्रामीण रूटों पर युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के मुद्दे पर बुलाई गई थी।

बैठक में 10-20 गांवों के लिए निजी बसों को जारी परमिटों के बारे में चर्चा हुई, जिसमें यह बात सामने आई की कई निजी ऑपरेटर अवैध परमिटों पर और कई परमिटों की फोटोकॉपी के जरिये ही बसें चला रहे हैं, जिससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने न सिर्फ ट्रांसपोर्ट विभाग बल्कि राज्य पुलिस को भी ऐसे बस ऑपरेटरों के खिलाफ 420 के तहत केस दर्ज करने को कहा था। भुल्लर ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा लिए फैसले के आधार पर अब ट्रांसपोर्ट विभाग ने सभी परमिटों की जांच का फैसला लिया है।

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