मिट्टी बचाओ अभियान के तहत रविवार को स्वयंसेवकों ने पुराने लखनऊ के इमामबाड़े से पैदल यात्रा निकाली। यात्रा में उन लोगों ने मिट्टी के महत्व को बताते हुए लोगों को जागरूक किया।
यात्रा में लगभग 50 स्त्री-पुरूष और युवा शामिल थे। यात्रा इमामबाड़े से शुरू होकर क्लॉक टॉवर तक गई और वहां से वापस इमामबाड़े तक पहुंची। यात्रा में शामिल गरिमा तिवारी ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए हम लोग ऐसे कार्यक्रम किया करते हैं। यह एक विश्व व्यापी अभियान है।
गरिमा ने बताया कि सद्गुरु द्वारा शुरू किया गया मिट्टी बचाओ एक वैश्विक अभियान है, जो मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ लाकर मिट्टी के संकट को दूर करने के लिए है। खेती योग्य मिट्टी में जैविकता को बढ़ाने की दिशा में राष्ट्रीय नीतियों और कार्यो का यह अभियान समर्थन करता है। उन्होंने जानकारी दी कि खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने अनुमान लगाया है कि 2050 तक जलवायु परिवर्तन और मिट्टी के विलुप्त होने से, कुछ इलाकों में फसलों की उपज 50 प्रतिशत तक गिर सकती है।
उन्होंने बताया कि सद्गुरू के इस अभियान का लक्ष्य दुनिया भर में कृषि-भूमि में न्यूनतम 3-6 प्रतिशत जैविक तत्व लाने के लिए नीति बनाने के लिए देशों पर जोर डालना है। विश्व स्तर पर, 82 देशों ने मिट्टी को विलुप्त होने से बचाने का संकल्प लिया है और उत्तर प्रदेश सहित नौ भारतीय राज्यों ने अपने राज्यों में मिट्टी को बचाने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।