सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने सितंबर तिमाही में सबसे तेजी से कर्ज बांटे। इस दौरान उसका कर्ज 28.62 फीसदी बढ़कर 1.48 लाख करोड़ से ज्यादा पहुंच गया। दूसरे स्थान पर काबिज यूनियन बैंक की उधारी दर 21.54% बढ़कर 7.52 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई। एसबीआई 18.15% के साथ तीसरे स्थान पर रहा। बैंक ने 25.47 लाख करोड़ के कर्ज बांटे। यह बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 17 गुना ज्यादा है। खुदरा कर्ज बांटने में भी बैंक ऑफ महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा। इसका खुदरा, कृषि व एमएसएमई (रैम) कर्ज 22.31% बढ़ा। बैंक ऑफ बड़ौदा का रैम 19.53% व एसबीआई का 6.51% बढ़ा है। एजेंसी
सकल एनपीए घटा शुद्ध लाभ में बढ़ोतरी
आंकड़ों के अनुसार, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का सकल एनपीए सितंबर तिमाही में 3.40 फीसदी और एसबीआई का 3.52 फीसदी रहा। इस दौरान इन दोनों बैंकों का शुद्ध एनपीए क्रमशः 0.68% व 0.80 फीसदी रहा। देश में कुल 12 सरकारी बैंक हैं। चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में इनका शुद्ध लाभ 50% बढ़कर 25,685 करोड़ रुपये पहुंच गया। पहली छमाही में यह 40,991 करोड़ रहा है।
म्यूचुअल फंड ने एनएफओ से जुटाए 17,805 करोड़
शेयर बाजार के महंगे मूल्यांकन और उतार-चढ़ाव से निवेशकों ने म्यूचुअल फंड में बड़े पैमाने पर पैसे लगाए हैं। यही कारण है कि सितंबर तिमाही में फंड हाउसों ने नए फंड ऑफर (एनएफओ) से 17,805 करोड़ रुपये जुटाए। इस दौरान 67 एनएफओ लॉन्च हुए। एक साल पहले की समान अवधि में 43 एनएफओ से 49,283 करोड़ जुटाए गए थे। उसकी तुलना में यह रकम एक तिहाई से मामूली ज्यादा है। हालांकि, 2022-23 की पहली तिमाही में सिर्फ 4 एनएफओ आए थे, जिनसे 3,307 करोड़ जुटाए गए। पहली तिमाही में इस पर असर देखा गया क्योंकि सेबी ने नए फंड लॉन्च पर रोक लगा दी थी।
शेयर बाजार शुक्रवार को रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ था। भाव बढ़ने से निवेशक बाजार में पैसा लगाने से हिचक रहे हैं और म्यूचुअल फंड का रुख कर रहे हैं।
- सितंबर तिमाही में 17 ईटीएफ और 11 इंडेक्स फंड लॉन्च किए गए थे।
- 2021-22 में 176 एनएफओ से 1.08 लाख करोड़ जुटाए गए थे।
- 2020-21 में 84 नए फंड से 42,308 करोड़ की राशि जुटाई गई थी।
बैंक बंद होने पर जमाकर्ताओं को 8,516 करोड़ की राहत
बंद होने, विलय किए जाने व आरबीआई की प्रतिबंध सूची में रखे बैंकों के 12.94 लाख जमाकर्ताओं के 8,516.6 करोड़ रुपये के दावों का निपटान 2021-22 में किया गया है।
जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) की ओर से निपटाए गए कुल दावों में 5,059.2 करोड़ रुपये विलय वाले बैंकों के लिए थे। 3,457.4 करोड़ की राहत उन ग्राहकों को दी गई, जिनके बैंक आरबीआई की प्रतिबंधित सूची में आ गए। डीआईसीजीसी केंद्रीय बैंक की सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा कवर देती है। इसके तहत विदेशी बैंकों की शाखाएं, स्थानीय बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक व भुगतान बैंक सहित सभी वाणिज्यिक बैंक आते हैं। एजेंसी