शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने कहा कि सांसद गजानन कीर्तिकर के पाला बदलने से पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर शिवसेना (उबाठा) में ही हैं। राऊत ने कहा कि गजानन कीर्तिकर आगामी चुनाव भी नहीं जीत सकेंगे।
संजय राऊत ने कहा कि अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट के उप चुनाव में पार्टी की उम्मीदवार ऋतुजा लटके को 66 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इस चुनाव ने बता दिया कि नेताओं ने भले ही पार्टी छोड़ दिया, लेकिन कार्यकर्ता शिवसेना (उबाठा) के साथ ही हैं। गजानन कीर्तिकर को पार्टी ने बहुत कुछ दिया, लेकिन उन्होंने जीवन के अंतिम क्षणों में पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी छोड़ने के बाद उनकी बात का कोई महत्व नहीं है। उनके बेटे अमोल कीर्तिकर ने पार्टी के साथ रहने का निर्णय लिया है।
दरअसल शुक्रवार शाम मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में सांसद गजानन कीर्तिकर शिवसेना के शिंदे गुट- बालासाहेब की शिवसेना में शामिल हो गए। गजानन कीर्तिकर ने कहा कि उनके पुत्र अमोल कीर्तिकर शिवसेना (उबाठा) में ही रहेंगे। इससे उनके घर में किसी भी तरह का मतभेद नहीं होने वाला है। गजानन कीर्तिकर के बालासाहेब की शिवसेना में शामिल होने के बाद शिंदे समूह के सांसदों की संख्या बढक़र 13 हो गई है। शिवसेना (उबाठा) में अब सिर्फ 5 सांसद रह गए हैं।