रेवाड़ी स्थित नगर परिषद में आठ माह पहले नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर दो लाख रुपये रिश्वत मांगने के मामले में शुक्रवार को विजिलेंस ने आखिरकार नगर परिषद के म्युनिसिपल इंजीनियर सोहन सिंह और उनके पिता नंदलाल को गिरफ्तार कर लिया है, जो जनस्वास्थ्य विभाग में बतौर एसडीओ तैनात हैं। इस मामले में नप के ईओ अभय सिंह यादव जो फिलहाल सस्पेंड चल रहे हैं, वह भी नामजद हैं।
रेवाड़ी के मोहल्ला विकास नगर निवासी जगदीश सैनी को अपने प्लाट के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना था। जगदीश सैनी ने नगर परिषद के पास पांच बार आनलाइन आवेदन किया लेकिन हर बार आब्जेक्शन लगाकर उसकी फाइल को रिजेक्ट कर दिया गया। जगदीश ने नप के एमई सोहन सिंह से संपर्क साधा तो सोहन सिंह व उनके पिता जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ नंदलाल ने कहा कि फाइल पास कराने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ेगी।
जगदीश ने इसकी सूचना विजिलेंस को दे दी।विजिलेंस ने इस मामले में 23 मार्च को रंगे हाथों सोहन सिंह व उनके पिता नंदलाल को पकड़ने की तैयारी की थी लेकिन सूचना लीक हो गई तथा दोनों बच गए, बाद में 29 मार्च को रिकार्डिंग व अन्य साक्ष्यों के आधार पर विजिलेंस ने एमई सोहन सिंह, एसडीओ नंदलाल और नगर परिषद के तत्कालीन ईओ अभय सिंह यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली थी।
एफआईआर दर्ज होने के बाद एमई सोहन सिंह का अटेली नप में तबादला कर दिया गया था तथा ईओ अभय सिंह को निलंबित कर दिया गया था। विजिलेंस टीम लगातार मामले की जांच कर रही थी तथा अब एमई सोहन और एसडीओ नंदलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एनडीसी रिश्वत कांड के खेल में सबसे पहली रिश्वत नगर परिषद के बाहर स्थित सीएससी में मौजूद व्यक्ति ने ली थी जिससे एनडीसी फाइल को सबसे पहले अप्लाई कराया गया था। बताया जा रहा है कि यह शख्स नप के बाहर ही कंप्यूटर सेंटर चलाता है और उसने 20 हजार में एनडीसी कराने की डील पक्की की थी। इतना ही नहीं दस हजार रुपये एडवांस भी लिए थे।
एनडीसी की जिस फाइल को अधिकारियों ने चार बार रिजेक्ट किया उसी फाइल को शिकायत दिए जाने के बाद पांचवीं बार 23 मार्च को शहीदी दिवस की छुट्टी होने के बावजूद पास कर दिया गया। विजिलेंस के पास यह सबसे अहम साक्ष्य है। वहीं एसडीओ नंदलाल की फोन रिकार्डिंग भी विजिलेंस के पास है।