करीब 5.31 लाख भारतीयों की मौत का कारण बनी कोविड महामारी पर गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि इसकी दूसरी लहर में कई जीवन रक्षक दवाओं और ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई थी। मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि उसने राज्यों व विभिन्न पक्षों से समन्वय कर ऑक्सीजन की आपूर्ति करवाई, कई अन्य कदम भी उठाए। इससे जिला स्तर तक ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हुई, वहीं नियमित प्रणाली से भी आपूर्ति अटूट रखी गई।
सालाना रिपोर्ट में मंत्रालय ने माना कि अप्रैल 2021 से शुरू हुई दूसरी लहर में अचानक कोविड के मामले बढ़े, जिसकी वजह से रेमडेसिवीर व अन्य कई जीवनरक्षक दवाओं की मांग बढ़ी तो प्लांट से मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए देश भर में कई प्रकार की बाधाएं हटाई गईं।
औद्योगिक उपयोग के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग भी आदेश देकर रोका गया। इसी तरह विमानों के जरिए विदेशों से उच्च क्षमता के ऑक्सीजन टैंकर लाए गए तो देश में बंद ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू करने के निर्देश भी जिला अधिकारियों को दिए गए।
बेड कम पड़े तो बनाने पड़े अस्पताल
मंत्रालय के अनुसार जून 2020 में कोविड के मामले बढ़ने और मरीजों को बेड न मिलने पर दिल्ली में 1,000 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया था। दूसरी लहर में इसे फिर से सक्रिय किया गया। मंत्रालय ने ही पटना व मुजफ्फरनगर में 500-500 बेड के अस्पताल बनाने में मदद की।