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भारत में एक के बाद एक भूकंप आ रहे हैं। शायद ही कोई महीना होगा जिसमें भूकंप न आता हो। मंगलवार देर रात दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.3 थी और इसका केंद्र नेपाल के मणिपुर में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
रिक्टर स्केल पर पांच से अधिक तीव्रता का भूकंप खतरनाक माना जाता है। भूकंप के मामले में उच्च हिमालयी क्षेत्रों की संवेदनशीलता हर रोज बढ़ रही है, भूंकप विज्ञानियों की इससे चिंता बढ़ गई है। हालांकि इससे पहले भी भारत में कई भूकंप आए हैं, जिनमें अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आइए, आपको हाल ही के कुछ वर्षों में आए बड़े भूकंपों के बारे में बताते हैं।
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- 28 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ में 4.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था, जिसमें पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
- वहीं 28 मार्च 2021 में असम में भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 6.0 मापी गई थी। इसमें दो लोगों की मौत और 12 लोग घायल हो गए थे। भारत में भूकंप का इतिहास यहीं खत्म नहीं होता।
- 24 जुलाई 2019 को महाराष्ट्र में 4.1 तीव्रता भूकंप आया था जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी।
- साथ ही 12 सितंबर 2018 को असम की धरती हिलने से एक की मौत और 25 लोग घायल हो गए थे, तब भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई थी।
- ऐसा ही भूकंप भारत बांग्लादेश में 4 जनवरी 2016 को 5.7 का भूकंप आया था जिसमें तीन लोग मारे गए थे और आठ लोग घायल हुए थे।
- वहीं 26 अक्तूबर 2015 को भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान में एक साथ भूकंप आया था जिसमें 399 लोग मारे गए थे और 2,536 घायल हो गए थे।
- भारत और नेपाल में 25 मार्च 2015 को भयानक भूकंप आया था धरती काफी देर तक हिलती रही थी, 7.8 तीव्रता के आए इस भूकंप में 21,952 घायल हो गए थे तो 8,964 मारे गए थे।
2005 में कश्मीर में भूकंप ने भयानक तबाही मचाई थी। पाकिस्तान समेत कश्मीर में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस भूकंप में दोनों मुल्कों में 130,000 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं भूकंप की बात हो और भारत के भुज की बात न हो ऐसा नहीं हो सकता है। 26 जनवरी, 2001 को गुजरात के भुज में आए भूकंप में 20,000 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही इस भूकंप से घर और मकान पूरी तरह से धवस्त हो गए थे।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।