पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रिश्तों पर जमी बर्फ अब गहरी हो गई हैं। अब तक पायलट समर्थक ही गहलोत खेमे को घेरते रहे हैं, लेकिन बुधवार को पहली बार हिमाचल प्रदेश में प्रचार से लौटने के बाद सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधा हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत की तुलना गुलाम नबी आजाद से करते हुए कहा कि मोदी ने गुलाम नबी आजाद की भी इसी तरह तारीफ की थी, बाद में क्या हुआ सब जानते हैं। तारीफें तो होती रहती है, लेकिन अब समय अनुशासनहीनता पर फैसला लेने का है। पायलट ने कहा कि नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अब राजस्थान में पिछले दिनों हुए सियासी घटनाक्रम पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए।
पायलट के इस बयान से अब कांग्रेस में खींचतान बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। पायलट का यह बयान ऐसे समय आया है, जब सियासी बवाल के जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई लंबित चल रही है। पायलट ने अपने निवास पर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री ने कल जो तारीफ की, मैं समझता हूं, वह कल का बड़ा दिलचस्प डवलपमेंट है। इसी तरह प्रधानमंत्री ने सदन के अंदर गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी, उसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ, वह हम सबने देखा है। इसे इतना लाइटली नहीं लेना चाहिए।
पायलट ने कहा कि राजस्थान में 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। वह बैठक हो नहीं पाई, इसके लिए खुद मुख्यंमत्री ने सॉरी फील किया, माफी मांगी। तीन लोगों को नोटिस दिए गए, नोटिस के बाद यह जानकारी में आया है कि जवाब दिए गए हैं। हमारी पार्टी अनुशासित है, इस पार्टी में हम सबके लिए नियम-कायदे बराबर हैं। नोटिस पर भी शीघ्र निर्णय लिए जाने चाहिए, कानून-अनुशासन सब पर लागू है। खड़गेजी ने पदभार संभाला है, ऐसा तो हो नहीं सकता कि अनुशासनहीनता मानी गई हो और उस पर निर्णय नहीं लिया जाए।
पायलट ने सीएम बदलने की चर्चा पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि राजस्थान के संदर्भ में निर्णय लेने की जो बात है, तो केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि इस पर जल्द ही निर्णय किया जाएगा। हम सब चुनाव में लगे हुए हैं, जल्दी ही गुजरात के चुनाव की घोषणा भी हो जाएगी। अनुशासनहीनता का मामला भी वेणुगोपाल के संज्ञान में है। राजस्थान में अनुशासनहीनता के मामले पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। पायलट ने कहा कि किसे किस पद पर बैठाना है, क्या जिम्मेदारी देनी है, इसका निर्णय भी एआईसीसी करेगी। चुनाव में केवल 13 महीने का समय बचा है। जो भी निर्णय लेने हैं, कदम उठाने हैं, वह कार्रवाई विधायक दल की बैठक के तौर पर भी नहीं हो सकी थी। अभी चुनाव भी चल रहे हैं, इम्पॉर्टेंट चुनाव हैं। दोनों राज्यों में हम जीत हासिल कर रहे हैं।
बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में हुई सभा में मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत और पीएम मोदी ने मंच साझा किया था। पीएम मोदी ने कल सीएम गहलोत को मुख्यमंत्रियों में सीनियर बताते हुए एक तरह से उनकी तारीफ की थी। सीएम गहलोत और पीएम मोदी ने कल मानगढ़ में करीब 10 मिनट तक अकेले में चर्चा भी की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि अशोकजी हमारे सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। हम साथ काम कर चुके हैं। सचिन पायलट के सीएम गहलोत पर सीधा हमला करने के बाद अब बयानबाजी का दौर तेज होने की उम्मीद है। जानकारों का मानना है कि सचिन पायलट के बयान के पीछे बड़ी सियासी वजह हो सकती है। राजस्थान में सत्ता-संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर इस बयान को अहम माना जा रहा है। अब तक चुप रहे पायलट का सीधे सीएम पर हमले के पीछे दो ही वजह मानी जा रही हो। पहली यह कि उन्हें हाईकमान से बड़ी जिम्मेदारी मिलने का इशारा हो। दूसरी यह कि वे प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा ले रहे हों।