जिले में जिस प्रकार से परंपरागत रूप से उगने वाले शीशम के पेड़ मे फैली महामारी ने इस प्रजाति को नष्ट कर रही है वैसे में किसान भाई महोगनी के पेड़ लगाकर जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण संकट से न केवल उबर सकते है बल्कि इस पौधे से अच्छी आमदनी भी कर सकते है।
पूर्वी चंपारण जिले की मिट्टी और जलवायु महोगनी की खेती के लिए अनुकूल है। यह बाते हाल में ही मोतिहारी वन प्रमंडल द्धारा किये गये शोध से भी स्पष्ट हुआ है।वन विभाग के अधिकारियों की माने तो महोगनी के खेती में किसान बस थोड़ी धैर्य रखे तो बंपर लाभ प्राप्त कर सकते है। क्योंकि 200 फीट तक की ऊंचाई तक बढ़ने वाले इस पेड़ का न केवल लकड़ी बल्कि इसके बीज,छाल और पत्तियां तक की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी श्वेता की माने तो महोगनी की लकड़ियां खराब नहीं होती,साथ ही महोगनी का पेड़ महज 12 साल में पूर्ण रूप से विकसित होता जाता है।इसकी लकड़ियों का उपयोग जहाज बनाने के से लेकर गहने,फर्नीचर,प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियां बनाने में भी होता है।साथ ही महोगनी की छाल और पत्तियों में औषधीय गुण मौजूद होने के कारण दवा बनाने में भी प्रयोग किया जाता है।
महोगनी की लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है,और यह वाटरफ्रुफ भी होता है।महोगनी के पेड़ के विकास के लिए उपजाऊ व अच्छी जल निकासी वाले मिट्टी के साथ सामान्य पीएच उपयुक्त माना गया है।वहीं परसौनी कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की माने तो महोगनी के समीप मच्छर और कीड़े नहीं आते हैं।इसी कारण इसकी पत्तियों और बीजों के तेल का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाले उत्पाद और कीटनाशक बनाने में किया जाता है।साथ ही इसके तेल का इस्तेमाल साबुन,पेंट, वार्निश बनाने में भी होता है।
-महोगनी की लकड़ी से कमाई
महोगनी के बीज बाजार में एक हजार रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं।वहीं इसकी लकड़ी 2000 से 2200 रुपये प्रति क्यूबिक फीट थोक में खरीदी जाती है।औषधीय पौधा होने के कारण इसके बीजों और फूलों का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है।एक अनुमान के मुताबिक,एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने पर किसान आराम से 70 लाख से एक करोड़ रुपये तक कमा सकता है।
-महोगनी की किस्मे
अभी देश स्तर पर महोगनी की पांच किस्मों ज्यादा उपलब्ध है।जिसमे क्यूबन,मैक्सिकन, अफ़्रीकन,न्यूज़ीलैंड और होन्डूरन प्रमुख है।महोगनी में होन्डूरन और क्यूबन किस्म को सबसे बेहतरीन माना जाता है।यह व्यावसायिक रूप से उगाई जाने वाली महोगनी की उन्नत प्रजाति हैं। इन किस्मों की लकड़ियां बहुत ही अच्छी मानी जाती है, जिनपर पानी का असर नहीं होता।मैक्सिकन किस्म की प्रजाति के पेड़ क्यूबन और होन्डूरन की तुलना में थोड़े छोटे होते हैं, लेकिन इनकी लकड़ियों की क्वालिटी भी काफ़ी अच्छी मानी जाती है।वही न्यूज़ीलैंड किस्म के परिपक्व पेड़ की 15 ऊंचाई 15 मीटर तक होती है।इसकी लकड़ी का इस्तेमाल ज़्यादतर नाव व जहाज बनाने में किया जाता है। इसकी लकड़ी से सजावटी चीजें भी बनाई जाती हैं।ये अन्य किस्मों की तुलना में हल्की होती हैं। इसकी पत्तियां 40 मिलीमीटर तक बड़ी और चमकदार होती है।ऐसे में जिले के किसान भाई महोगनी की खेती कर न केवल पर्यावरणीय संतुलन को कायम कर सकते है।बल्कि ज्यादा मुनाफा भी कमा सकते है।