चार दिवसीय छठ महोत्सव का सोमवार की सुबह व्रती महिलाओं के उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित किए जाने के साथ और रात भर चले इस महापर्व का समापन हो गया। इस अवसर पर लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त बिरहा प्रतियोगिता भी हुई।
देश-दुनिया के साथ उत्तराखंड में भी लोकपर्व छठ ने खूब चमक बिखेरी। यहां पर लोक आस्था का पर्व छठ महोत्सव नरेंद्र नगर,मुनी की रेती, रायवाला,जिगरवाला, श्यामपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से तीर्थनगरी के गंगाघाटों, तटों पर सारी रात आस्था का सैलाब उमड़ा रहा। पर्व पर छठी माता के भक्तों ने उगते भगवान भास्कर की विधि विधान से आराधना की। आस्था के इस पावन पर्व पर पूर्वांचल मूल के हजारों लोग बाजे-गाजों के साथ त्रिवेणीघाट समेत विभिन्न इलाकों से गंगातटों पर पहुंचे।
त्रिवेणीघाट पर भजन संध्या और बिरहा मुकाबला भी आयोजित किया गया। तीर्थनगरी और आसपास के इलाकों में सूर्य भगवान की आराधना का लोकपर्व छठ हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर त्रिवेणीघाट को दुल्हन की तरह सजाकर पूजा-आराधना के लिए खासे इंतजाम किए गए थे।
रविवार अपराह्न के बाद से श्रद्धालुओं के गंगातटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था जो सूर्यास्त से कुछ देर पहले तक अनवरत जारी रहा। इस दौरान श्रद्धालु अलग-अलग इलाकों से टोलियां बनाकर टोकरियों में पूजा सामग्री लेकर गंगातटों पर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने शाम सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और पारिवारिक सुख-शांति, समृद्धि की कामना की। श्रद्धालु महिलाओं का निर्जल व्रत सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा। महिलाओं ने प्रात: सूर्योदय पर अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला। इस तरह से चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया।
विदेशी पर्यटकों में भी दिखा उत्साह-
विदेशी पर्यटकों ने सुहागिन व्रती महिलाओं के मोबाइल और कैमरा से चित्र खींचे। त्रिवेणीघाट पर छठ पूजा के दौरान उमड़ी भीड़ को देखने के लिए विदेशी पर्यटकों में भी काफी उत्साह दिखा। जो रात भर सोलह श्रृंगार से सजी सुहागिन महिलाएं विदेशी पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रहीं। घाट पर उमड़ी भीड़ को देख विदेशी पर्यटक इस त्योहार को करीब से देखने के लिए भावुक थे। वे उनके चित्र कैमरा के साथ मोबाइल में भी खींचते रहे। विदेशी पर्यटकों ने कहा कि भारतीय संस्कृति का यह त्योहार उनके लिए अविस्मरणीय है।