हंडिया में टोल प्लाजा से दो सौ मीटर पहले हुए भीषण हादसे को जिसने भी देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। दिल दहला देने वाले हादसे में छह लोगों की असमय जान चली गई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए गए हैं। माना जा रहा है कि घटना जिस समय हुई उस समय टवेरा स्पीड सौ किलोमीटर की रफ्तार से रही होगी। कार पहले डिवाइडर से टकराई जिसके बाद चालक ने संतुलन खो दिया। इसके बाद तेज रफ्तार कार बिजली के खंभे से टकराने के बाद तीन बार पलट गई। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी खी हाईवे के किनारे लगा विद्युत का पोल भी टेढ़ा हो गया।
थम नहीं रहे थे लोगों के आंसू, एक झटके में बिखर गया कुनबा
सोरांव के शिवगढ़ इलाके में बृहस्पतिवार की शाम अग्रहरि परिवार के छह लोगों के शव एक साथ उठे तो चीत्कार मच गया। परिजन ही नहीं पास-पड़ोस के लोग भी जार-जार रोते रहे। लोगों के आंसू थम नहीं रहे थे। किसी के पास सांत्वना का ऐसा शब्द नहीं था, जो परिजनों को शांत कर सके। आंखों से आंसुओं की धारा बहती रही।
शिवगढ़ के रहने वाले अग्रहरि परिवार पर बृहस्पतिवार को जैसे पहाड़ टूट पड़ा। तड़के इस परिवार में खुशियां छाई थीं। दिवंगत श्याम लाल अग्रहरि के चार बेटों में आखिरी नंबर के उमेश के इकलौते बेटे ओजस का मुंडन समारोह था। बुधवार रात से ही विंध्याचल जाने की तैयारियां चल रहीं थीं। गांव के ही इरशाद की कार से उन्हें जाना था।
गाड़ी तड़के आ गई। सुबह करीब छह बजे देवी का जयकारा लगाते हुए परिवार के नौ लोग कार से विंध्याचल के लिए चल दिए। किसी भी क्या पता था कि काल उनके पीछे-पीछे ही है। बमुश्किल पौन घंटे बाद ही घर पर दुर्घटना की वह मनहूस खबर आ गई, जिससे परिवार के लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। उमेश के बड़े भाई संजय और रमेश खबर पाते ही हंडिया की तरफ भागे।
परिवार के अन्य लोग भी भगवान के सामने बैठ कर प्रार्थना करने लगे लेकिन होनी तो हो गई थी। छह लोगों की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। दोपहर में ही सभी शवों का पोस्टमार्टम किया गया। शाम को करीब सवा चार बजे दो एंबुलेंस से सभी शव शिवगढ़ स्थित घर पर पहुंचे तो हाहाकार मच गया था। एक झटके में पूरा कुनबा बिखर गया था। करीब 15 मिनट बाद ही शवों को अंतिम संस्कार के लिए रवाना कर दिया गया।
शिवगढ़ में बंद रहीं दुकानें, नहीं जले चूल्हे
शिवगढ़ में हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में पास-पड़ोस के गांव के लोग श्याम लाल के घर पर पहुंच गए थे। शिवगढ़ इलाके में दिन में अधिकतर दुकानें बंद रहीं। गांव में तमाम घरों में चूल्हे नहीं जले। जिसे देखो, वह परिवार की ही बात कर रहा था कि छोटे-छोटे बच्चों का अब क्या होगा। बात करते समय पड़ोसियों की भी आंखें नम हो रही थीं।
प्रतापगढ़ से 50 बरस पहले शिवगढ़ आ गया था श्याम लाल का परिवार
सोरांव के शिवगढ़ के रहने वाले श्याम लाल अग्रहरि मूल रूप से प्रतापगढ़ के डेरवा इलाके के रहने वाले थे। शिवगढ़ की रहने वाली कृष्णा देवी से शादी के बाद उन्हें ससुराल की गद्दी मिली तो करीब 50 बरस पहले वह यहीं आ गए। तब से उनका पूरा परिवार शिवगढ़ में ही रह रहा था।
श्याम लाल और कृष्णा देवी के चार बेटे हुए। संजय, रमेश, दिनेश और उमेश। श्याम लाल की मौत कई साल पहले ही हो गई थी। तीन वर्ष पहले तीसरे नंबर के बेटे दिनेश की मौत हो गई थी। संजय और रमेश घर पर रहकर खेती-बारी संभालते थे। चौथे नंबर का उमेश गुजरात में रहकर सब्जी बेचने का काम करता था। उमेश की शादी करीब सवा दो वर्ष पहले प्रिया से हुई थी।
उमेश और प्रिया के सवा वर्ष के बेटे ओजस का ही मुंडन समारोह था, जहां जाने के परिवार के नौ लोग गाड़ी से निकले थे। परिवार पर काल का ऐसा कहर टूटा कि श्याम लाल के चार बेटों में बड़े संजय की पत्नी रेखा, रमेश की पत्नी रेखा देवी और दिनेश की पत्नी कविता की मौत हो गई। हादसे में श्याम लाल की पत्नी कृष्णा देवी भी नहीं रहीं। रमेश की बेटी न्यासा और उमेश के बेटे ओजस की भी मौत हो गई। रेखा देवी और न्यासा मां-बेटी थीं।
सवा वर्ष का ओजस हादसे में चल बसा लेकिन उसके माता पिता उमेश और प्रिया गंभीर रूप से घायल हैं। ओजस का फुफेरा भाई ऋषभ प्रतापगढ़ के कटरा से मुंडन में शरीक होने आया था। वह भी गंभीर रूप से घायल है। गाड़ी चला रहे ड्राइवर इरशाद को भी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अनाथ हो गए दिनेश और कविता के बच्चे
श्याम लाल अग्रहरि के तीसरे बेटे दिनेश अग्रहरि की तीन वर्ष पहले ही मौत हो गई थी। पत्नी कविता ही शायली (14), गुड़िया (12), काजल (10) और शेष (5) को संभाल रही थी। ओजस के मुंडन समारोह में कविता के साथ उसके बच्चे भी जाने की जिद कर रहे थे लेकिन गाड़ी में जगह न होने की वजह से कविता ने अपने बच्चों को समझा बुझाकर रोक दिया। हादसे में कविता की भी मौत हो गई। चारों बच्चे बिलख-बिलख कर रोते रहे। कहा, मां के मरने पर वे अनाथ हो गए। परिवार के अन्य लोग उन्हें ढांढस बंधाते रहे।
संजय और रमेश के बच्चों ने भी मां को खो दिया
श्याम लाल अग्रहरि के बड़े बेटे संजय की पत्नी रेखा और दूसरे नंबर के बेटे रमेश की पत्नी रेखा देवी की भी हादसे में मौत हो गई। रमेश की बेटी न्यासा ने भी हादसे में दम तोड़ दिया। न्यासा के अलावा रमेश के अन्य बच्चे निशि (16), अलख (18)और निकिता (4) हैं। सभी बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। संजय के बच्चे शिवम (17), नेहा (13) और नैंसी (9) के भी आंसू नहीं रुक रहे थे।
कृष्णा ने मांगी थी मन्नत, दिवाली पर गुजरात से घर आया था उमेश
श्याम लाल अग्रहरि और कृष्णा देवी के चार बेटों में उमेश सबसे छोटा है। उसकी सवा दो वर्ष पहले शादी हुई थी। वह गुजरात में सब्जी बेचकर गुजर बसर करता है। सवा वर्ष पहले जब उमेश को बेटा ओजस हुआ तो मां कृष्णा देवी सबसे ज्यादा खुश थीं। उन्होंने ओजस के जन्म के पहले ही मन्नत मांगी थी कि अगर बेटा हुआ तो वह विंध्याचल में मुंडन करवाएंगी। कुछ समय पहले ही ओजस एक वर्ष का हुआ। उस समय उमेश गुजरात में था। मां कृष्णा देवी ने मन्नत की बात बताई और दिवाली पर घर आने को कहा। उमेश भी दिवाली से पहले गुजरात से घर आ गया था। मां की मन्नत पूरी करने के लिए ही विंध्याचल में मुंडन का कार्यक्रम बनाया गया था।
महज 46 किलोमीटर दूर जाने पर हुआ हादसा
सोरांव के शिवगढ़ और हंडिया टोल प्लाजा के बीच की दूरी तकरीबन 46 किलोमीटर है। सुबह छह बजे के बाद परिवार वाले गाड़ी से निकले और छह बजकर 40 मिनट पर हादसे का शिकार हो गए।