

सोरांव के शिवगढ़ इलाके में बृहस्पतिवार की शाम अग्रहरि परिवार के छह लोगों के शव एक साथ उठे तो चीत्कार मच गया। परिजन ही नहीं पास-पड़ोस के लोग भी जार-जार रोते रहे। लोगों के आंसू थम नहीं रहे थे। किसी के पास सांत्वना का ऐसा शब्द नहीं था, जो परिजनों को शांत कर सके। आंखों से आंसुओं की धारा बहती रही।
शिवगढ़ के रहने वाले अग्रहरि परिवार पर बृहस्पतिवार को जैसे पहाड़ टूट पड़ा। तड़के इस परिवार में खुशियां छाई थीं। दिवंगत श्याम लाल अग्रहरि के चार बेटों में आखिरी नंबर के उमेश के इकलौते बेटे ओजस का मुंडन समारोह था। बुधवार रात से ही विंध्याचल जाने की तैयारियां चल रहीं थीं। गांव के ही इरशाद की कार से उन्हें जाना था।


शिवगढ़ में हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में पास-पड़ोस के गांव के लोग श्याम लाल के घर पर पहुंच गए थे। शिवगढ़ इलाके में दिन में अधिकतर दुकानें बंद रहीं। गांव में तमाम घरों में चूल्हे नहीं जले। जिसे देखो, वह परिवार की ही बात कर रहा था कि छोटे-छोटे बच्चों का अब क्या होगा। बात करते समय पड़ोसियों की भी आंखें नम हो रही थीं।

सोरांव के शिवगढ़ के रहने वाले श्याम लाल अग्रहरि मूल रूप से प्रतापगढ़ के डेरवा इलाके के रहने वाले थे। शिवगढ़ की रहने वाली कृष्णा देवी से शादी के बाद उन्हें ससुराल की गद्दी मिली तो करीब 50 बरस पहले वह यहीं आ गए। तब से उनका पूरा परिवार शिवगढ़ में ही रह रहा था।

श्याम लाल अग्रहरि के तीसरे बेटे दिनेश अग्रहरि की तीन वर्ष पहले ही मौत हो गई थी। पत्नी कविता ही शायली (14), गुड़िया (12), काजल (10) और शेष (5) को संभाल रही थी। ओजस के मुंडन समारोह में कविता के साथ उसके बच्चे भी जाने की जिद कर रहे थे लेकिन गाड़ी में जगह न होने की वजह से कविता ने अपने बच्चों को समझा बुझाकर रोक दिया। हादसे में कविता की भी मौत हो गई। चारों बच्चे बिलख-बिलख कर रोते रहे। कहा, मां के मरने पर वे अनाथ हो गए। परिवार के अन्य लोग उन्हें ढांढस बंधाते रहे।

श्याम लाल अग्रहरि के बड़े बेटे संजय की पत्नी रेखा और दूसरे नंबर के बेटे रमेश की पत्नी रेखा देवी की भी हादसे में मौत हो गई। रमेश की बेटी न्यासा ने भी हादसे में दम तोड़ दिया। न्यासा के अलावा रमेश के अन्य बच्चे निशि (16), अलख (18)और निकिता (4) हैं। सभी बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। संजय के बच्चे शिवम (17), नेहा (13) और नैंसी (9) के भी आंसू नहीं रुक रहे थे।

श्याम लाल अग्रहरि और कृष्णा देवी के चार बेटों में उमेश सबसे छोटा है। उसकी सवा दो वर्ष पहले शादी हुई थी। वह गुजरात में सब्जी बेचकर गुजर बसर करता है। सवा वर्ष पहले जब उमेश को बेटा ओजस हुआ तो मां कृष्णा देवी सबसे ज्यादा खुश थीं। उन्होंने ओजस के जन्म के पहले ही मन्नत मांगी थी कि अगर बेटा हुआ तो वह विंध्याचल में मुंडन करवाएंगी। कुछ समय पहले ही ओजस एक वर्ष का हुआ। उस समय उमेश गुजरात में था। मां कृष्णा देवी ने मन्नत की बात बताई और दिवाली पर घर आने को कहा। उमेश भी दिवाली से पहले गुजरात से घर आ गया था। मां की मन्नत पूरी करने के लिए ही विंध्याचल में मुंडन का कार्यक्रम बनाया गया था।
सोरांव के शिवगढ़ और हंडिया टोल प्लाजा के बीच की दूरी तकरीबन 46 किलोमीटर है। सुबह छह बजे के बाद परिवार वाले गाड़ी से निकले और छह बजकर 40 मिनट पर हादसे का शिकार हो गए।
