भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधे तौर पर हमला बोलते हुए दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचारी नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद अलग-अलग नेताओं से अलग-अलग सुलूक किया जाता है। पार्टी की एक ही नीति है- दुर्नीति (भ्रष्टाचार)।
गुरुवार को दिलीप घोष ने कहा कि एक दिन पहले तृणमूल कांग्रेस के वयोवृद्ध सांसद सौगत रॉय ने भी कहा है कि पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने उससे दूरी बना ली जबकि अणुव्रत और माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बावजूद उनके पक्ष में पार्टी खड़ी है। दरअसल हकीकत यही है कि तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी तय करती हैं कि कौन चोर है और कौन ईमानदार। जो उनके पास हिस्सा पहुंचाता है वह ठीक है और जिसने खुद ही सारे रुपये डकार लिए वे चोर। हकीकत यही है कि तृणमूल कांग्रेस की कोई नीति नहीं है बल्कि केवल भ्रष्टाचार ही उनकी एकमात्र नीति है।
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तृणमूल का पलटवार
– इधर दिलीप घोष के बयान पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सांसद शांतनु सेन ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि दिलीप घोष एक बार फिर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं इसीलिए बड़ी-बड़ी बातें करने लगे हैं। उनके दावे में कोई हकीकत नहीं है।