पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) की फंडिंग रोके जाने को लेकर भाजपा नेता दिलीप घोष ने सवाल खड़ा किया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गुरुवार को न्यू टाउन के इको पार्क में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी की सरकार और उनकी पार्टी को यह बात भलीभांति पता है कि जो लोग एनसीसी के जरिए सैन्य प्रशिक्षण लेंगे वे राज्य में तृणमूल कांग्रेस का झंडा नहीं ढोएंगे। इसलिए सरकार हर तरह से इस महत्वकांक्षी राष्ट्रवादी प्रशिक्षण को रोकने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि एनसीसी बचपन से ही बच्चों को नियम, कानून, अनुशासन सिखाता है। हकीकत यही है कि पश्चिम बंगाल की वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं का चरित्र इसके ठीक विपरीत है। उन्हें पता है कि जो लोग एनसीसी करेंगे वो उनका झंडा नहीं ढोएंगे इसीलिए एनसीसी की फंडिंग बंद कर दी गई। यही सरकार दुर्गा पूजा करने वाले क्लबों को रुपये देती है ताकि चुनाव में क्लब के सदस्य उनके लिए काम करें लेकिन राष्ट्रहित के महत्व की चीजों के लिए सरकारी फंडिंग रोक दी गई है। इसके अलावा स्कूलों में पठन-पाठन बेहतर करने के लिए राज्य सरकार ने छात्र संसद चालू करने की योजना बनाई है। इसका भी विरोध दिलीप घोष ने किया। उन्होंने कहा कि बच्चों के अभिभावक ही सरकार के इस फैसले को नहीं मानेंगे क्योंकि बचपन में जब शिक्षा महत्वपूर्ण है तब राजनीति करवाने की कोशिश हो रही है।