उत्तराखंड के केदारनाथ धाम हवाई मार्ग में श्रद्धालुओं को लेकर आ रहा एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर मंगलवार को मौसम खराब होने से गरुड़ चट्टी में क्रैश हो गया। इसमें पायलट समेत सवार 07 लोगों की मौत हो गई। यूकाडा सीईओ सी रविशंकर ने की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ के समीप गरुड़ चट्टी में दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर क्रैश में कुछ लोगों के हताहत होने पर अत्यंत दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री के कहा कि एसडीआरएफ और अन्य रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच कर राहत में जुटी हुई हैं। घटना के विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मीडिया सेंटर सचिवालय में यूकाडा के सीईओ नागरिक उड्डयन सी रविशंकर ने दोपहर में घटना लेकर ब्रीफिंग की। उन्होंने बताया कि हेलीकाप्टर के पायलट की कॉल के अनुसार उस वक्त मौसम उड़ान भरने लायक था। अचानक बिगड़े मौसम के कारण और पहाड़ी पर बादल छाए रहने के कारण यह हादसा हुआ है। हादसे में मारे गए यात्रियों में तीन गुजरात, तीन तमिलनाडु और पायलट महाराष्ट्र के रहने वाले थे।
उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन पहुंचकर रेस्क्यू में लगे हुए हैं। आर्यन कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ से वापसी कर गुप्तकाशी की ओर आ रहा था। जब हेलीकाप्टर केदारनाथ से करीब 2 किलोमीटर दूर गरुड़ चट्टी के पास पहुंचा तो वह चट्टान से टकरा गया, जिसकी वजह से हुआ यह बड़ा हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि लगातार हो रही बारिश और कोहरा हादसे की वजह बना।
उन्होंने बताया कि हेली सेवा केदारनाथ के लिए 01 घंटे में 06 उड़ानें भरती है। यह सेवा कुल 09 हेलीपैड संचालित करती हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल रेस्क्यू कार्य तक केदारघाटी में उड़ान पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। इस संबंध जांच के लिए जिलाधिकारी को गठित करने को कहा है।
हादसे में मृतक के नाम-पूर्वा रामानुज (26), क्रुति बराड (30) और उर्वी बराड (25) तीनों निवासी गुजरात, सुजाता (56), प्रेम कुमार (63) और कला (60) तीनों निवासी तमिलनाडु, पायलट अनिल सिंह (57) निवासी महाराष्ट्र हैं।
हेलीकॉप्टर हादसे पर महाराज ने शोक जताया-
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज केदारनाथ से वापस आ रहे हेलीकॉप्टर के गरुड़ चट्टी के समीप दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख व्यक्त करते हुए हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। यह हादसा तकनीकी खराबी, हवा में दबाव कम होने या जिस भी वजह से हुआ है इस बात की जांच की जाएगी। यह जांच के बाद ही पता चलेगा कि हादसे के क्या कारण रहे हैं।