कोखराज में लूट की सनसनीखेज वारदात का भले ही खुलासा हो गया हो, लेकिन अब भी कई राज अनसुलझे हैं। यहां तक कि लूट में प्रयुक्त गाड़ियां ही नहीं बल्कि असलहे भी पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। खुलासे की कहानी में कई झोल भी हैं। फिलहाल अफसरों का यही कहना है कि जांच जारी है। पुलिस ने खुलासा करते वक्त बताया कि इस घटना का मास्टरमाइंड पूणे निवासी रोशन है। उसने अपने साथी बिरजू निवासी मुंबई संग मिलकर साजिश रची। फिर लखनऊ के अंकित गुप्ता, आदित्य वर्मा, उदय प्रताप व सीतापुर के अनूप शुक्ला के साथ घटना अंजाम दी।
हालांकि लूट में प्रयुक्त गाड़ियों को पुलिस अब तक बरामद नहीं कर सकी है। एक अहम बात यह है कि गिरफ्तार किए गए बदमाशों से कोई असलहा बरामद नहीं हुआ है। सवाल यह है कि तो क्या आधी रात को करोड़ों की रकम लूटने के लिए बदमाश खाली हाथ आए थे।
…तो व्यापारी ने बोला झूठ?
इस मामले में एक सवाल लूट में शामिल बदमाशों की संख्या को लेकर भी है। दरअसल पुलिस के खुलासे के मुताबिक, घटना में कुल छह बदमाश शामिल थे। इनमें से चार गिरफ्तार हैं और दो की तलाश की जा रही है। लेकिन वारदात के बाद भुक्तभोगी अजीत सिंह ने पुलिस को जो तहरीर दी, उसमें सिर्फ चार बदमाशों का ही जिक्र किया था।
12 दिन में भी नहीं मिल पाया रकम का ब्यौरा
इस मामले में यह भी सवाल है कि खुलासे के बाद भी पुलिस यह नहीं पता लगा सकी कि गाड़ी से लूटी गई कुल रकम कितनी थी। खुलासे के दौरान अफसरों ने दावा किया कि वादी ने अब तक 20 लाख का ब्यौरा आयकर विभाग को दिया है। शेष रकम के संबंध में उसका कहना है है कि अपने व्यापारिक साझीदारों से पूछकर वह सही ब्यौरा बता पाएगा। सवाल यह है कि 12 दिन बाद भी आखिर कैसे रकम का ब्यौरा नहीं मिल सका।
20 लाख का लिखाया था मुकदमा, बरामदगी 1.76 करोड़
फरवरी 2021 में भी वाराणसी के ही सराफा कारोबारी रिंकू सेठ के कर्मचारियों को कोखराज इलाके में ही लूट लिए गया था। बदमाशों ने स्कार्पियों सवार कर्मचारियों को लूटने के बाद गाड़ी में बंडल बनाकर रखा करोड़ों रुपया पार कर दिया और भाग निकले। उस दौरान भी कारोबारी रिपोर्ट दर्ज कराने को राजी नहीं था, लेकिन गाड़ी में नोट का एक बंडल (20 लाख) छूट जाने के कारण उसने रिपोर्ट दर्ज कराया। बाद में मध्य प्रदेश में बदमाश पकड़े गए तो उनके पास से एक करोड़ 76 लाख कैश बरामद हुआ। उन्होंने कुबूल किया कि उन्होंने वाराणसी के कारोबारी के कर्मचारियों के साथ लूट की थी। जबकि, इससे पहले 20 लाख बरामद होने के बाद पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया था।
बोनट में आग लगने से पकड़े गए थे बदमाश
वाराणसी के सराफा कारोबारी रिंकू सेठ के कर्मचारियों के साथ लूटपाट करने वाले बदमाश लूटा गया पैसा गाड़ी के बोनट में छिपाकर भागे थे। मध्य प्रदेश में इंजन हीट हो जाने के कारण बोनट में आग लगी तो नोट जलकर उड़ने लगे। इस पर नोट लूटने की होड़ मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बदमाशों को गिरफ्तार किया तो उन्होंने कोखराज के सकाढ़ा में लूटपाट कर भागने की बात कुबूल की। पुलिस रिमांड में लेकर उन्हें कौशाम्बी लाई। फिलहाल सभी बदमाश अभी जेल में हैं।
.. तो हवाला का हब बन रहा वाराणसी?
इस घटना के बाद सवाल यह भी है कि क्या हवाला कारोबार का एक बड़ा हब वाराणसी बनता जा रहा है। देश के विभिन्न प्रांतों में बैठे बड़े बदमाशों की नजर इस अवैध कारोबार पर है। वह भोलेभाले लोगों को मोहरा बनाकर वारदातों को अंजाम दिलाते हैं। रकम अवैध होने के कारण कारोबारी अव्वल एफआईआर दर्ज कराने से कतराते हैं। बहुत दबाव पड़ा तो मामूली रकम लूटने का मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है। इसका फायदा उठाकर पुलिस भी झोलदार खुलासा कर मामले से पल्ला झाड़ लेती है। नजीतजन असल मास्टर माइंड गिरफ्त में नहीं आ पाते हैं।