निचले इलाकों में रहने वाले लोग मकान खाली कर पलायन को मजबूर
अक्टूबर माह में बेमौसम हुई बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव के साथ लोगों के जन-जीवन पर खासा असर पड़ा है। लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ा है। वहीं पाण्डु नदी भी उफना गई है।
पाण्डु नदी में उफान का असर अब कानपुर के दक्षिण क्षेत्र में दिखने लगा है। यहां के निचले इलाकों की बस्तियों में पाण्डु नदी का पानी घुस गया है। यही नहीं दक्षिणांचल विद्युत सब स्टेशन पर भी पानी पहुंच गया है, जिससे बिजली की किल्लत भी हो गई है। हालांकि प्रशासन ने एहतियातन निचले इलाकों पर रहने वाले लोगों को बस्तियां खाली करने का निर्देश दे दिया है।
अक्टूबर माह में लौटता हुआ मानसून सक्रिय होता है और कभी हल्की तो कभी मध्यम बारिश होती है। इससे फसलों को भी लाभ पहुंचता है, लेकिन इस बार म्यांमार की समुद्री गतिविधियों का असर बंगाल की खाड़ी होते हुए उत्तर प्रदेश तक जा पहुंचा और भारी बारिश हुई। यह बारिश अगर कानपुर और आसपास के जनपदों की बात की जाए तो दशहरा के दिन से तेज हुई और लगातार छह दिनों तक झमाझम बारिश होती रही। यही नहीं अक्टूबर माह में अब तक करीब तीन सौ मिमी बारिश होने की स्थिति पहुंच चुकी है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों का पानी अब धीरे-धीरे पाण्डु नदी की ओर बढ़ रहा है और नदी इन दिनों उफान पर चल रही है। वहीं दूसरी ओर गंगा नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है।
पाण्डु नदी का बहाव हुआ कमजोर
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से पाण्डु नदी का बहाव भी कमजोर पड़ गया है और पानी शहर के दक्षिण इलाके बर्रा आठ, वरुण विहार, कच्ची बस्ती, मेहरबान सिंह का पुरवा समेत किनारे के सोसाइटी इलाकों में भर गया है। ऐसे में लोग बस्तियां खाली करके पलायन को मजबूर हैं तो कुछ बस्तियों के लोग छतों पर त्रिपाल आदि डालकर रहने को विवश हैं। हालांकि प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद कर रहा है और हिदायत भी दी जा रही है कि बाढ़ प्रभावित इलाके की बस्तियों को खाली किया जाये। वहीं दक्षिणांचल विद्युत सबस्टेशन में पानी घुस जाने से बिजली सप्लाई की भी दिक्कत सामने आ रही है। जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने गुरुवार को बताया कि प्रशासन और पुलिस के अफसर बराबर प्रयासरत हैं कि जिन इलाकों में पानी घुस गया है उन बस्तियों को खाली कराया जाये। इसके साथ ही लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है।
बर्बाद हुईं गृहस्थियां
पाण्डु नदी के उफानाने से एक बार फिर डूब क्षेत्रों में बने मकान व बस्तियों में रहने वाले लोगों में संकट पैदा हो गया। वरुण विहार, कच्ची बस्ती, मेहरबान सिंह का पुरवा और बर्रा आठ में दो दर्जन से ज्यादा झोपड़ियों में पानी भरने से उनकी गृहस्थियां बर्बाद हो गईं। मेहरबान सिंह का पुरवा निवासी कुंदन सिंह, रामकुमार मिश्रा और राजेश पांडेय ने बताया कि पाण्डु नदी के उफनाने से मेहरबान सिंह का पुरवा, बिहारीपुरवा समेत कई सोसाइटी में सड़क पर पानी भर गया है, इससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।