बाढ़ प्रभावित गांवों में पीड़ितों तक प्रशासन हरहाल में और शीघ्र सभी सहायता मुहैया कराए। हर तरह के नुकसान का आंकलन कर मुआवजा दिलाया जाए। बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत सामग्री, लंच पैकेट व शुद्घ पेयजल पहुंचाया जाए। संक्रामक रोगों को रोकने के लिए मेडिकल किट बांटी जाए।
यह बातें बुधवार को बलरामपुर में बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का हवाई सर्वे करने के बाद मझौवा गांव में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने कहा कि अक्तूबर माह में अचानक आई दैवीय आपदा ने भारी नुकसान पहुंचाया है। जिले के करीब 300 से अधिक गांवों की साढ़े तीन लाख आबादी बाढ़ पीड़ित है। इनको सभी तरह की राहत सामग्री तत्काल पहुंचाई जाए।
जनहानि होने पर पीड़ित परिजनों को चार लाख का मुआवजा दिया जाए। सांप-बिच्छू तथा जंगली जानवर के काटने पर लोगों को सरकारी सहायता दी जाए। कुत्ता व बंदर काटने वालों को तत्काल एआरबी लगाई जाए। इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही न की जाए। बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत सामग्री, लंच पैकेट व शुद्घ पेयजल युद्घ स्तर पर पहुंचाया जाए।
उन्होंने मौके पर मौजूद कई बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। पंडाल में पीछे तक जाकर उन्होंने छोटे बच्चों को पुचकारा। बच्ची को बुलाकर उससे पूछा कि स्कूल जाती हो कि नहीं, बच्ची ने बताया कि वह स्कूल नहीं जाती। इस बात पर उन्होंने मां से कहा कि बच्ची को स्कूल जरूर भेंजे।
उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ आपदा में जनहानि होने के साथ-साथ यदि पशु हानि भी होती है तो पीड़ित पशुपालक को यथोचित मुआवजा दें। इस अवसर पर सदर विधायक पल्टूराम, उतरौला विधायक राम प्रताप वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष आरती तिवारी, अजय सिंह पिंकू, चंद्रप्रकाश सिंह गुड्डू, डीपी सिंह तथा बृजेंद्र तिवारी समेत तमाम भाजपाई मौजूद रहे।
उन्होंने कार्यक्रम के बाद देवीपाटन मंडल गोंडा के आयुक्त एमपी अग्रवाल, डीआईजी यूके अग्रवाल, बलरामपुर के डीएम डॉ. महेंद्र कुमार तथा एसपी राजेश सक्सेना को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य तेज करने का निर्देश भी दिया।