काशीपुराधिपति की नगरी में विवाहित महिलाएं करवा चौथ व्रत की तैयारियों में जुट गई है। बाजार में जगह-जगह पूजन सामग्री की अस्थायी दुकानें भी सज गई है। घरों में साफ-सफाई के साथ पूजन सामग्री,फल,नये वस्त्र रंग बिरंगी चटख सुर्ख रंग की डिजाइनदार साड़ियां व सलवार सूट,पूजा की थाली, चलनी आदि के इंतजाम में परिजन भी जुटे हैं। घरों में भी महिलाएं महावर रचा रही हैं तो कुछ ने ब्यूटी पार्लरों का भी सहारा लिया। पर्व 13 अक्टूबर गुरुवार को है। करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल चतुर्थी तिथि बुधवार को रात 01 बजकर 59 मिनट से प्रारम्भ हो रही है जो 14 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।
इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं और रात को चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही उपवास तोड़ती हैं। करवा चौथ पर ग्रहों की विशेष स्थिति भी बन रही है। 13 साल बाद एक अद्भुत संयोग भी बन रहा है। ज्योतिषी मनोज पाठक बताते हैं कि इस समय देव गुरु बृहस्पति, बुध और शनि स्वगृही यानी अपनी-अपनी राशि में विराजमान हैं,जिससे सुख और सौभाग्य पाने में सरलता होगी। सूर्य और बुध भी एक साथ होंगे और उन पर गुरु का प्रभाव भी होगा। इससे पति-पत्नी का आपसी संबंध और विश्वास मजबूत होगा।
उधर, पर्व को लेकर नव विवाहित महिलाओं में उत्साह है। जगतगंज धूपचंडी की नवविवाहिता कंचन पांडेय, नेहा यादव ने बताया कि वे सासू मां की देखरेख में पहली बार पर्व मनाएंगी। इसे लेकर उनके मन में काफी उत्साह है। पति और अन्य परिजन भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अखंड सुहाग की कामना को लेकर वे देर रात लगभग तीन बजे सासू मां के देखरेख में सरगी निगल कर व्रत की शुरुआत करेंगी। गुरुवार को पूरे दिन निर्जला व्रत रहने के बाद शाम को चन्द्रदेव को अध्र्य देकर पति को चलनी से देखने के बाद व्रत का पारण करेंगी।