समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है। इस खबर से पूरी काशी मर्माहत है। प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री, पूर्व एमएलसी और और भाजपा नेता वाराणसी के शतरुद्र प्रकाश ने सपा संरक्षक को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव का जाना एक खास राजनैतिक शैली के अध्याय का समाप्त हो जाना है। अड़ना, लड़ना और आगे बढ़ना उनका खास अंदाज रहा।
जब भी लगता था कि वो कमजोर हो गए हैं तब वो दोगुनी शक्ति के साथ उभर कर सामने आ जाते थे। उनमें ढृढ संकल्प, साथियों के प्रति संवेदिनशील आत्मीयता, गरीबों, किसानों, बुनकरों, छात्र एवं छात्राओं के हित की चिंता रहती थी। उनका व्यक्तित्व दल गत राजनीति से ऊपर था। लोकसभा में राष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी भूमिका एक वरिष्ठ, अनुभवी और परिपक्व नेता के रूप में रही।
1967 में पहली बार हुई थी मुलाकात
शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि मेरा उनसे लंबा साथ रहा। महान सोशलिस्ट नेता राजनारायण जी ने 1967 में उनसे संपर्क कराया था। 28 वर्ष की उम्र में मुलायम सिंह यादव संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जशवंत नगर सीट से विधायक बने।