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हाईकोर्ट ने संपत्ति का ब्योरा लेने को दी जेल में आरोपी डायरेक्टर से पूछताछ की अनुमति

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाइन सिटी ग्रुप ऑफ  कंपनीज के करोड़ों के बड़े स्कैंडल में आर्थिक अपराध विंग को, गिरफ्तार डायरेक्टर आसिफ  नसीम से जेल में जाकर पूछताछ की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों में तालमेल की कमी एवं एनसीएलटी के संपत्तियां बेचने पर रोक के बावजूद सितंबर 22मे अबूधाबी में बैठे आरोपी की ओर से मोहनलालगंज की जमीन बेचने पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा, सीरियस फ्रॉड को हल्के में न लें।

भारत सरकार के अपर सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश व मनोज कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि विदेश से अभियुक्तों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। सीरियस अपराध शाखा मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। कोर्ट ने याचिका को 17 अक्तूबर को पेश करने का निर्देश देते हुए केंद्र व राज्य सरकार से कृत कार्यवाही की जानकारी मांगी है। राज्य सरकार की तरफ  से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व याची की तरफ  से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफ ए नकवी ने पक्ष रखा।

 

अपर सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि 25मई 22को ही एनसीएलटी ने कंपनी की संपत्ति को बेचने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस आदेश को अखबार में प्रकाशित करने को कहा ताकि निवेशकों व अन्य लोगों की गाढ़ी कमाई अपराधी विदेश में ट्रांसफर न कर सकें। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति विक्त्रस्म डी चौहान की खंडपीठ ने श्रीराम की याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि एजेंसी जांच कर रही और जेल में बैठा अपराधी जमीन बेच रहा। पैसा हवाला के जरिए विदेश में ट्रांसफर किया जा रहा है। कुल 68 हजार करोड़ के घपले का आरोप लगाया गया है। कोर्ट में  डायरेक्टर जनरल आर्थिक अपराध विंग अन्य अधिकारियों के साथ हाजिर थे। कोर्ट को बताया गया कि पैसा विदेशों में भेजा जा रहा है। लोगों को प्रलोभन देकर फंसाया जा रहा है। केंद्र सरकार के अधिकारी ने कहा, बैंकों को आदेश जारी किए गए हैं। कंपनी से संबंधित लेनदेन पर रोक लगाने को कहा गया है। कितनी जमीन संपत्ति कहां है, आरोपी सहयोग नहीं कर रहे। इस पर जेल में पुलिस को पूछताछ कर पता लगाने की अनुमति दी गई है।

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