प्रतापपुरा स्थित चाणक्यपुरम निवासी डॉ. सुमित अग्रवाल ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें कहा था कि पत्नी दीप्ति एनस्थीसिया की डॉक्टर थीं। उन्होंने 3 अगस्त, 2020 को फांसी लगा ली थी। वह बेटे क्रिशव की मौत के गम में थीं। इलाज के दौरान पत्नी की 6 अगस्त को मौत हो गई थी। दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला (ससुर) कोसीकलां, मथुरा में रहते हैं। बीएएमएस डॉक्टर हैं। उनका मंगला हॉस्पिटल है।



गोद ली बच्ची का गलत प्रमाणपत्र बनाया
डॉ. सुमित ने प्रार्थनापत्र में कहा है कि पत्नी डॉ. दीप्ति को ससुर ने एक बच्ची को गोद दिलाया। 6 जून, 2018 को गोदनामा पर हस्ताक्षर किए थे। बाद में नरेश मंगला ने बच्ची को अपने हॉस्पिटल में दीप्ति से पैदा होना दर्शाते हुए फर्जी प्रमाणपत्र बनाया।

क्लोजर रिपोर्ट के विरोध पर लगा रहे आरोप
मामले में डॉ. नरेश मंगला का कहना है कि बेटी की मौत के मामले में दामाद डॉ. सुमित, समधी डॉ. एससी अग्रवाल सहित ससुरालियों के खिलाफ दहेज मृत्यु का केस में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। उन्होंने इसका विरोध किया है। कोर्ट से आरोपियों के खिलाफ समन जारी हो गए हैं। मुझे तोड़ने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। दीप्ति की बेटी की संपत्ति हड़पना चाहते हैं। मुझे कई बार धमकी दे चुके हैं। इस संबंध में एक रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।
