समाजवादी पार्टी पिछड़े व अल्पसंख्यक के साथ अब दलित एवं महिला कार्ड भी चलेगी। इनसे जुड़े विभिन्न मुद्दे पर राष्ट्रीय सम्मेलन में मंथन होगा। पार्टी जातीय जनगणना और आरक्षण की संस्तुतियों को लागू करने के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाने की तैयारी है।
सपा का प्रदेश सम्मेलन बुधवार और राष्ट्रीय सम्मेलन बृहस्पतिवार को रमाबाई अंबेडकर मैदान में होगा। इसमें आर्थिक और राजनीतिक प्रस्ताव पास किए जाएंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार के सम्मेलन में पार्टी नई सियासी रणनीति तैयार करेगी। सम्मेलन में पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के साथ दलितों से जुड़े मुद्दे पर गहन मंथन किया जाएगा। दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए अंबेडकर वाहिनी बनाई गई है।
इसकी गतिविधियों को विस्तार देने से जुड़े मुद्दे भी सम्मेलन में रखे जाएंगे। सपा राष्ट्रीय एवं राज्य सम्मेलन में संगठनात्मक चुनाव कर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करेगी। संगठन और जनता की ताकत से भाजपा की एकाधिकारी सत्ता को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेगी। दोनों सम्मेलनों को मिलाकर देशभर के करीब 50 हजार डेलिगेट्स मौजूद रहेंगे। अभी तक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नरेश उत्तम पटेल काबिज हैं।
राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष केनाम पर लगेगी मुहर
प्रांतीय सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर विधिवत मुहर लगेगी। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नाम पर दोबारा मुहर लगने की प्रबल संभावना है। वहीं दूसरी पार्टियों से आए कुछ नेताओं के नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार के रूप में लिए जा रहे हैं। हालांकि अंतिम मुहर बुधवार दोपहर ही लगेगी। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अखिलेश यादव के नाम पर मुहर लगना तय है।
सम्मेलन को लेकर सपाइयों में जोश
प्रांतीय एवं राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर सपा नेताओं में जबरदस्त जोश है। पार्टी कार्यालय से लेकर रमाबाई अंबेडकर मैदान तक सड़क के दोनों तरफ सपाई झंडे लगाए गए हैं। जगह-जगह बैनर पोस्टर के साथ कटआउट भी लगाए गए हैं। खास बात यह है कि ज्यादातर कटआउट पर सिर्फ अखिलेश यादव नजर आ रहे हैं। कुछ में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और आजम खां, प्रो रामगोपाल सहित अन्य स्थानीय नेताओं की तस्वीर लगी है। लेकिन ये कटआउट इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि यह सम्मेलन पूरी तरह से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर केंद्रीत है।
पहले के सम्मेलनों की दिखेगी झलक
सपा के अब तक हुए सम्मेलनों से इस दो दिवसीय सम्मेलन को कई मायने में अलग बनाने की रणनीति तैयार की गई है। इसके लिए पार्टी की ओर से किए गए मेट्रो, रिवर फ्रंट, एक्सप्रेस वे सहित अन्य ऐतिहासिक कार्यों से संबंधित होर्डिंग भी लगाई गई हैं। इसी तरह समाजवादी पार्टी की ओर से जनहित से जुड़े सामाजिक सरोकार के फैसले को भी प्रस्तुत किया गया है।