राममंदिर निर्माण के साथ ही तेजी से बदल रही अयोध्या भक्तों व पर्यटकों के साथ-साथ देश-विदेश के निवेशकों को भी लुभा रही है। हाल ही में विदेश के निवेशकों ने यहां आकर निवेश की संभावनाएं भी तलाशी हैं। अयोध्या में कई बड़े उद्यमी करीब आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश होटल, धर्मशाला, अस्पताल व स्कूल आदि में करना चाहते हैं। अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार करीब 34 हजार करोड़ की योजनाओं पर काम कर रही हैं।
अयोध्या न सिर्फ आस्था बल्कि विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में भी सज-संवर रही है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक रामनगरी पर्यटन का हब बनने की ओर अग्रसर है। मई से लेकर अगस्त तक चार महीनों में करीब पांच हजार विदेशी पर्यटक अयोध्या पहुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में है। पर्यटन विभाग के मुताबिक अयोध्या में 32 होटलों का निर्माण होने जा रहा है। इसी तरह 1200 एकड़ में बस रही नव्य अयोध्या में देश के आठ राज्यों उप्र, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक व अन्य सहित श्रीलंका व नेपाल ने भी अपने लिए जमीन मांगी है। यह अयोध्या में पर्यटन विकास की प्रशस्त हो रही संभावनाओं का संकेत है।
इंवेस्टर्स समिट में एमओयू कर सकती हैं कई कंपनियां
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि कि अयोध्या में करीब आठ हजार करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी है। पिछले सप्ताह विदेशी उद्योगपतियों के एक दल ने अयोध्या भ्रमण कर निवेश की संभावनाएं देखी थीं। लखनऊ में नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट में अलग-अलग परियोजनाओं को लेकर एमओयू होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि निवेशक अयोध्या में थीम पार्क, लाइट शो, रिसॉर्ट होटल, धर्मशाला, अस्पताल, स्कूल, वेलनेस सेंटर, फिल्म-मीडिया आदि क्षेत्र में निवेश के इच्छुक हैं।
40 से अधिक कंपनियां निवेश की तैयारी में
पिछले वर्ष लखनऊ में हुई इन्वेस्टर्स समिट में शामिल कई बड़े उद्योगपतियों ने अयोध्या भ्रमण कर निवेश की संभावनाएं देखी थी। प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार केबी राजू भी अयोध्या पहुंचे थे। यहां चल रही योजनाओं में सरकार निजी क्षेत्र की भी सहभागिता चाह रही थी। इसके लिए श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स समिट 2021 का प्रस्ताव तैयार किया गया था। जिसमें करीब पांच हजार करोड़ रुपये अयोध्या के विकास कार्यों के लिए निवेश कराने का लक्ष्य बना था। निवेश के लिए करीब 120 कंपनियों को आमंत्रित भी किया गया था। जिसमें से 40 से अधिक कंपनियों ने निवेश को शहर से स्वीकृति प्रदान कर दी है।