सीतापुर के अटरिया में मनौती का कोछा खिलाने उनई देवी मंदिर जाने के लिए लोग श्रद्धा व उत्साह के साथ रवाना हुए थे। कुछ देर बाद ऐसी मनहूस खबर आई कि गांव में हाहाकार मच गया। गांववालों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि हंसती-खेलती दस जिंदगियां एक झटके में थम जाएंगी। दो परिवारों की मां-बेटियों समेत आठ महिलाएं और दो बच्चियों की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। हर तरफ सिसकियां और चीत्कार सुनाई दे रहा है। लोग एक-दूसरे को दिलासा तो दे रहे थे, लेकिन सभी के चेहरे पर मायूसी छाई थी। अटरिया थाना क्षेत्र के टिकौली गांव निवासी चुन्नीलाल मौर्य की पत्नी कोमल ने कोछा खिलाने की मनौती मानी थी। चूंकि कोछा महिलाओं को खिलाया जाता है, लिहाजा गांव की महिलाओं को आमंत्रित किया था।
नवरात्र के पहले दिन चुन्नीलाल सोमवार सुबह लगभग नौ बजे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली से 46 लोगों को लेकर इटौंजा थानाक्षेत्र स्थित उनई देवी मंदिर के लिए रवाना हुए। इनमें अधिकतर महिलाएं थीं। वे देवी गीत गाते हुए श्रद्धा व उत्साह के साथ जा रही थीं।
लखनऊ के इटौंजा थानाक्षेत्र में कुम्हरावां मार्ग पर गद्दीपुरवा के पास तेज रफ्तार ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को टक्कर मार दी। इससे ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलट गई। उस पर सवार सभी लोग डूब गए। इटौंजा पुलिस व एसडीआरएफ ने राहत व बचाव कार्य शुरू किया।
लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। जहां आठ महिलाओं व दो बच्चियों को मृत घोषित कर दिया गया। अन्य घायलों का इलाज जारी है। हादसे की खबर टिकौली पहुंचीं तो ग्रामीणों पर मानों वज्रपात हो गया।
गांव का शायद ही कोई घर ऐसा हो जहां का कोई सदस्य इस कार्यक्रम में न गया हो। टिकौली में चीत्कार और सिसकियों से सुनने वाले का कलेजा बैठ जा रहा था। किसी ने मां खो दी तो किसी ने पत्नी व बेटी। मरने वालों में एक-एक परिवार की दो मां-बेटी हैं।
एक बच्ची समेत छह महिलाएं अलग-अलग परिवार की हैं। हादसे के बाद गांव में लोगों की भीड़ जुटने लगी। आसपास गांवों के तमाम लोग जानकारी लेने पहुंच रहे थे, लेकिन गांव में मरघट सा सन्नाटा छाया था। एएसपी उत्तरी एनपी सिंह दोपहर बाद गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी।
किसे पता था कि उन्हें काल खींच रहा है..
हादसे के बाद चुन्नीलाल और रामरतन के परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। चुन्नीलाल की पत्नी कोमल व नौ साल की बेटी काल के गाल में समा गई। जबकि इस हादसे में रामरतन ने अपनी पत्नी सुषमा तथा बेटी रुचि को खो दिया। ग्रामीण यह कहकर एक-दूसरे को दिलासा देते नजर आए… किसे पता था कि उन्हें काल खींच रहा है।
हमेशा अखरेगी 26 सितंबर की तारीख
टिकौली गांव के भीतर दाखिल होने पर अधिकतर घरों के दरवाजों पर मातम पसरा मिला। बुलाने पर अंदर से जो भी निकलता मानों उसके शरीर में जान ही न हो। हादसे का जिक्र करते ही आंसू छलक पड़ रहे थे। कुछ बताने के लिए होंठ थरथराते मगर भर्राई आवाज से समझना मुश्किल हो रहा था कि वह क्या कहना चाहता है।
गांव में पुलिस बल रहा मुस्तैद
हादसे की खबर मिलते ही टिकौली गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिसकर्मी जहां ग्रामीणों को दिलासा दे रहे थे, वहीं हादसे और मृतकों के बारे में जानकारी भी ले रहे थे। ग्रामीण लगातार मोबाइल के जरिए भी हादसे के शिकार मृतकों तथा घायलों के संबंध में जानकारी लेते नजर आ रहे थे।
इनकी गई जान
मृतकों में कोमल मौर्या (40) पत्नी चुन्नीलाल, आयुषी (9) पुत्री चुन्नीलाल, सुषमा मौर्या (42) पत्नी रामरतन, रुचि मौर्या (18) पुत्री रामरतन, सुनीला (45) पत्नी रामखेलावन, सुखरानी (45) पत्नी सुखलाल, केतकी (55) पत्नी छोटेलाल, मालती देवी (40) पत्नी राजकिशोर, अन्नपूर्णा (36) पत्नी बाबूराम तथा अंशिका गुप्ता (18) पुत्री पवन गुप्ता शामिल हैं।