सुधा महज साढ़े तीन साल की उम्र से ही डांस सीखने लगी थीं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि डांस के बिना नहीं रह सकतीं। जब उनका एक्सीडेंट हुआ था, तब उन्हें लगा कि वे जीवन भर डांस नहीं कर पाएंगीं, लेकिन फिर उन्हें आर्टिफिशियल पैर मिला और फिजियोथैरपी की मदद से करीब 3 साल में वो अपने नकली पैरों पर चलना सीख पाईं।
इसी नकली पैर की बदौलत सुधा ने सिनेमा और डांस की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। सुधा 90 के दशक से टीवी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। वह ‘अब तक ‘बहुरानियां’, ‘चंद्रकांता’, ‘कभी इधर कभी उधर’, ‘चश्मे बद्दूर’, ‘अंतराल’, ‘कैसे कहूं’, ‘कहीं किसी रोज’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी, ‘कस्तूरी’, ‘अदालत’ जैसे कई टीवी शोज में नजर आ चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया है।