आस्था के उल्लास से भरे देवी पूजन के नौ दिन की शुरुआत सोमवार से हो गई। पूरे नौ दिन तक मंदिरों से लेकर घरों तक में …या देवी सर्वभूतेषु गुंजायमान रहेगा। नवरात्रि के पहले दिन लोगों ने अपने घरों में घट स्थापना की। मां के मंदिरों में सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ लगी रही। मंदिर के बाहर लाइनों में लगे भक्त अंदर जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसके लिए मंदिरों में कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं।
आचार्यों ने सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक घट स्थापना का मुहूर्त बताया। आचार्य पं. राधेश्याम शास्त्री और ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के मुताबिक, इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। मान्यता है कि नवरात्र में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो यह बेहद शुभ माना जाता है। मां का वाहन हाथी, ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है।
वहीं रविवार की शाम को बाजार निशातगंज, नरही, आलमबाग, भूतनाथ, इंदिरानगर समेत शहर के प्रमुख बाजारों में पूजन-सामग्री की खरीद के लिए लोगों की भीड़ रही। सुबह से शाम तक बरसात के कारण लोगों को घर में ही रहना पड़ा। शाम को जब बारिश रुकी तो लोग घर से निकले। वहीं कई घरों में मान्यता है कि पितरों को विदा करने के बाद ही खरीदारी की जाती है।
लखनऊ में मंदिरों में सुबह से ही भीड़ रही। महाआरती के लिए रविवार शाम को ही तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। श्रद्घालुओं ने देवीपूजन में भाग लिया और प्रसाद चढ़ाया।
अयोध्या में मंगलवार को सुबह से ही सभी देवी मंदिर गूंज उठे। मां भगवती के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के लिए भक्त अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे और फिर नारियल, कपूर, अगरबत्ती, चुनरी आदि पूजन सामग्रियां चढ़ाकर देवी मां की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने मां आदिशक्ति के विभिन्न स्वरूपों के समक्ष मत्था टेककर मन्नत मांगीं।
भगवान श्री राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली मंदिर में नवरात्र के पहले दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही मंदिर में दर्शन पूजन का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी तरह अयोध्या धाम के छोटी देवकाली मंदिर में दर्शन पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। प्रशासन द्वारा देवी मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।