बंजर भूमि के रूप में दर्ज सरकारी भूमि को नियम विरुद्ध तरीके से 19 अपात्रों को आवासीय पट्टा आवंटित करने में तत्कालीन तहसीलदार आनंद श्रीनेत और नायब तहसीलदार रत्नेश तिवारी को प्रथम दृष्टया दोषी करार दिया गया है। ये सभी एक ही परिवार से हैं। एसडीएम सदर विनोद कुमार सिंह की माने तो इस मामले में प्रभारी राजस्व निरीक्षक तिलकराम व लेखपाल निरंकार प्रसाद के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई चल रही है।
शासन ने गोंडा सदर तहसील क्षेत्र के शुकलपुर गांव के इस मामले की जांच देवीपाटन मंडल आयुक्त एमपी अग्रवाल व अपर आयुक्त प्रशासन राकेश चंद्र शर्मा को सौंपी है। श्रीनेत वर्तमान में बस्ती में एसडीएम जबकि रत्नेश संत कबीर नगर में तहसीलदार हैं। दोनों को आरोप पत्र जारी किया गया है।
दोनों ने शुकलपुर गांव में दर्ज ग्राम समाज की गाटा संख्या- 286 मि./0.160 हेक्टेयर भूमि को बिना जांच किए 24 सितंबर 2013 को 20 व्यक्तियों को आवासीय पट्टे की संस्तुति की थी। तत्कालीन उपजिलाधिकारी जेपी सिंह ने 7 अक्तूबर को इसकी स्वीकृति भी दे दी थी। जांच में इनमें से सिर्फएक व्यक्ति ही पात्र पाया गया था।
आरोपी तत्कालीन तहसीलदार आनंद श्रीनेत व नायब तहसीलदार रत्नेश तिवारी के खिलाफ शासन से जारी आरोप पत्र व शासन के आदेशानुसार जांच की कार्यवाही की जा रही है। निर्धारित समय में रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
– राकेश चन्द्र शर्मा, अपर आयुक्त प्रशासन देवीपाटन मंडल