माफिया मुख्तार अंसारी को जेलर को धमकाने के मामले में सात साल की सजा के बाद उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी की भी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। गैंगस्टर के मामले में आरोप तय करने के लिए निर्धारित तिथियों पर सांसद अफजाल अंसारी की गैरमौजूदगी पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने अफजाल पर आरोप तय करने के लिए 23 सितंबर को हर हाल में तलब किया है। हाईकोर्ट से स्थगन आदेश नहीं मिलने की बात कहते हुए कोर्ट में पेश नहीं होने पर एनबीडब्ल्यू जारी करने की चेातवनी दी है।
गाजीपुर के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एमपी/एमएलए कोर्ट रामसुध सिंह की अदालत ने 14 वर्ष पूर्व गैंगेस्टर एक्ट में सांसद अफजाल अंसारी का डिस्चार्ज प्राथर्ना पत्र न्यायालय ने खारिज हो चुका है। एमपीएमएलए कोर्ट ने सांसद अफजाल की आरोप मुक्त करने की दलील खारिज करते हुए आरोप तय तलब करने की बात कही है। इससे पहले 6 सितम्बर को पेश ना होकर नातिथि नियत की थी लेकिन उक्त आदेश के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय में निगरानी दाखिल कर समय की मांग की गई थी।
न्यायालय ने 21 सितम्बर की तिथि नियत की लेकिन सांसद के अधिवक्ता ने प्राथर्ना पत्र देकर बताया कि उच्च न्यायालय में लंबित निगरानी प्राथर्ना पत्र में सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। वकील ने जिस कारण से मुकदमे की अग्रिम कार्रवाई तक स्थगित करने की मांग की लेकिन कोर्ट में कोई स्थगन आदेश प्रस्तुत नहीं कर सके।
सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज कुमार श्रीवास्तव ने विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि मुकदमा अत्यन्त प्राचीन है और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कोई स्थगन आदेश प्रदान नही किया है। जिस पर न्यायालय सांसद को निर्धारित तारीख पर प्रस्तुत होने का आदेश पारित किया।
जज रामसुध सिंह ने कहा कि आरोप तय होने के लिए निर्धारित 23 सितंबर को अफजाल अंसारी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो अन्यथा उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। कोर्ट के फैसले की प्रति आरेापी के वकील और सरकारी वकील को मुहैया कराई गई।
2007 में दर्ज हुआ था केस
गाजीपुर में सांसद अफजाल अंसारी पर 22 नवम्बर 2007 को मोहम्दाबाद पुलिस ने गैंगस्टर के तहत केस दर्ज किया था। मोहम्दाबाद पुलिस ने भांवरकोल और वाराणसी के मामले को गैंग चार्ट में शामिल करते हुए गिरोह अधिनियम के विरुद्ध कार्रवाई तेज की। मामले में सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर हैं अब आरोप से मुक्त करने के लिए प्राथर्ना पत्र को कोर्ट खारिज कर चुकी है।
उन्होंने बताया था कि 1985 से 2001 तक विधायक रहे मुख्तार अंसारी उनके भाई है तथा एजाजुल बहनोई ये लोग भी जनप्रतिनिधि रहे हैं। विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी समेत अन्य लोगों 20 वर्षों से अलग रह रहे हैं इसलिए संयुक्त संपत्ति मानते हुए कार्रवाई नहीं की जाए। उनकी राजनैतिक छवि धूमिल करने के उद्देश्य से गैंगस्टर का आरोपी बनाया गया है और तमाम कारण देते हुए आरोप मुक्त करने की अपील की थी।