भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में पटाखों पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मनोज तिवारी ने पटाखा चलाने के संबंध में नये दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है।
मनोज तिवारी ने याचिका में कहा है कि जीने के अधिकार के बहाने धर्म की स्वतंत्रता को नहीं छीना जा सकता है। याचिका में दिल्ली सरकार को अनुमति योग्य पटाखों की बिक्री और खरीद के संबंध में नये दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। 29 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने पटाखों पर अंतरिम आदेश देते हुए कहा था कि दीपावली और अन्य त्यौहारों जैसे गुरुपर्व इत्यादि पर रात आठ बजे से दस बजे तक पटाखे चलाए जा सकेंगे। क्रिसमस और नववर्स के अवसर पर रात 11 बजकर 55 मिनट से रात 12 बजकर तीस मिनट तक पटाखे चलाए जा सकेंगे।
कोर्ट ने कहा था कि अगर किसी इलाके विशेष मे प्रतिबंधित सामग्री वाले पटाखों के उत्पादन या बिक्री की बात सामने आती है तो ऐसे में वहां के चीफ सेकेट्री, होम सेकेट्री, कमिश्नर, डीएसपी, एसएचओ तक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। इसे गंभीरता से लिया जाएगा। कोर्ट आदेश को धता बताने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया था कि सभी पटाखों पर बैन नहीं है। सिर्फ उन्हीं पटाखों पर बैन लगाया गया है जो लोगों के ख़ासकर बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।