अखिल भारतीय संत समिति की ओर से धर्मादेश का आयोजन किया जाएगा। सात अक्तूबर को दिल्ली में होने वाले धर्मादेश में देशभर के सभी संप्रदायों के आचार्य, अखाड़ों के श्रीमहंत सभापति, महंत और महामंडलेश्वर शामिल होंगे। सनातन धर्म से जुड़े 12 प्रमुख बिंदुओं पर धर्मादेश में संत समाज चर्चा करेगा। इसमें प्रमुख रूप से ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा की मुक्ति पर चर्चा होगी।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास महाराज ने विशेष बातचीत में बताया कि हिंदू मंदिरों की हिंदू समाज के हाथों में वापसी बेहद जरूरी है। इसके लिए लिए संत समाज को एकजुट होना होगा। राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि धर्मादेश में 12 मुद्दों पर संत समाज चर्चा करेगा।
इसमें ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा प्रमुख है। इसके अलावा चर्च और वक्फ बोर्डों को अंग्रेजी सरकार के समय लीज पर दी गई भूमि की लीज पूरी होने पर सरकार को वापस मिलनी चाहिए।
उन्होंने बताया, फिल्म सेंसर बोर्ड की जगह सनातन सेंसर बोर्ड, हिंदू धार्मिक प्रतीक चिह्नों के दुरुपयोग पर रोक लगाने, लव जिहाद को रोकने के लिए संसद में हिंदू पहचान संरक्षण अधिनियम पारित कराने, युगानुकूल हिंदू आचार संहिता को मान्यता, धर्मांतरण रोकने और घर वापसी की रफ्तार को तेज करने पर चर्चा होगी। साथ ही देश भर के जीर्ण मंदिरों के जीर्णोद्धार, पुजारियों की नियुक्ति और पुजारी-कर्मकांड प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना पर भी चर्चा होगी। आयोजन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री काशी विद्वत परिषद की भी सहभागिता रहेगी।