नगर निगम ने कराच्छादन से छूटे एवं भवनों के निर्माण में बढ़ोतरी करने वाली सम्पत्तियों के लिए जीआईएस सर्वे कराया है। कर निर्धारण 2011 से ही 11 प्रतिशत निर्धारित है, जिसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है, जबकि सर्वे के आधार पर 88,159 चिन्हित भवनों को नोटिस प्रेषित की गयी है।
यह बातें नगर निगम के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पी.के द्विवेदी ने शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि जो नये भवन बनाये गये हैं और उनका कराच्छादन नहीं हुआ है, ऐसे भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिसे आपत्ति हो, वह अपनी आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है। जिसका परीक्षणोपरांत ही उसका निस्तारण किया जायेगा।
पी.के द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष ही सर्वे के आधार पर इसे लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 2 लाख 29 हजार भवन हैं। इसका सर्वे दो कम्पनियों से कराया जा रहा है। यह सर्वे 14 नगर निगमों में चल रहा है। बताया कि जीआईएस सर्वे द्वारा गृहकर में हुई बढ़ोत्तरी को वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही एक अप्रैल, 2022 से लागू किया गया है। जो प्राप्त कराई जाने वाली आपत्ति निस्तारण के उपरांत ही आगणित कर का बिल भवन स्वामी को प्राप्त कराते हुए सूचित किया जाएगा। जिन्होंने 2022-23 का गृहकर जमा कर दिया है, उनके द्वारा जमा गृहकर की धनराशि को घटाने के पश्चात् शेष धनराशि को ही जमा करना होगा।