केजरीवाल सरकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में युवाओं को रोजगार देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक्स प्रशिक्षण कार्यक्रम लॉन्च किया है। इस कार्यक्रम के जरिए युवा इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित ट्रेनिंग ले सकेंगे। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में वर्कफोर्स को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) अपने ‘डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग’ प्रोग्राम के छात्रों के लिए ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक्स’ प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करेगी। हर साल 100 छात्रों को बेसिक और एडवांस ईवी मैकेनिक्स प्रशिक्षण में प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही इंटर्नशिप करने का अवसर भी मिलेगा।
डीएसईयू, डब्ल्यूआरआई इंडिया और हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लिमिटेड के बीच आज एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह, डीएसईयू की कुलपति प्रो. नेहारिका वोहरा, डीएसईयू के प्रो वाइस चांसलर प्रो. रिहान खान सूरी, डीएसईयू रजिस्ट्रार अश्विनी कंसल, डब्ल्यूआरआई इंडिया रॉस सेंटर के कार्यकारी निदेशक माधव पाई व हीरो इलेक्ट्रिक की एवीपी एचआर मनु शर्मा भी मौजूद रहे।
डीएसईयू, प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम स्ट्रक्चर और पाठ्यक्रम के एंड-टू-एंड डिजाइन का कार्य करेगा। वहीं, हीरो इलेक्ट्रिक की ओर से स्टडी मैटिरियल को डिजाइन करने के साथ-साथ छात्रों को प्रेक्टिकल ट्रेनिंग और इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने में डीएसईयू की मदद की जाएगी। नॉलेज पार्टनर के तौर पर वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट इंडिया (डब्ल्यूआरआई) आवश्यक रिसर्च, मॉनिटरिंग और इवेलुएशन स्पोर्ट देगा।
डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि भारत में ईवी वर्कफोर्स का प्रशिक्षण केंद्र बनने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए जाने वाले शार्ट व लॉन्ग टर्म पाठ्यक्रमों में यह पहला है। इस कार्यक्रम के जरिए दिल्ली में हजारों नौकरियां पैदा होंगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से दिल्ली सरकार की दो प्रमुख प्राथमिकताएं पूरी होगी।
पहला कुशल और प्रशिक्षित कार्यबल तैयार होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने का सीएम अरविंद केजरीवाल का सपना साकार हो पाएगा। दिल्ली सरकार ने अगस्त 2020 में ईवी पॉलिसी लॉन्च की थी। जिसके जरिए भी ईवी को बढ़ावा दे रहे हैं। दिल्ली की ईवी पॉलिसी का लक्ष्य है कि 2024 तक सभी नए वाहनों के पंजीकरणों में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल होने चाहिए। दिल्ली सरकार पहले ही औसतन 10 फीसदी लक्ष्य को हासिल कर चुकी है। डीएसईयू की ओर से तैयार किया जा रहा आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रम दिल्ली में बहुआयामी और तेजी से बढ़ते ईवी इकोसिस्टम का स्पोर्ट करेगा।
जस्मीन शाह कहा कि आज औपचारिक रूप से किया गया यह करार 8 महीने के गहन शोध और डीडीसी दिल्ली व डब्ल्यूआरआई इंडिया की मेहनत का परिणाम है। अनुसंधान विश्लेषण के जरिए अत्यधिक कुशल ईवी मैकेनिक्स की कमी का पता लगाया गया। क्योंकि हर साल करीब 500 नए मैकेनिक्स की जरुरत बढ़ती है। ऑटोमोटिव के क्षेत्र में लोगों को ईवी टेक्नॉलिजी में रोजगार के अवसर पाने में मदद मिलेगी।