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नामीबिया से मप्र के कूनो पहुंचने से पहले चीतों को लेकर जयपुर आएगा कार्गो विमान

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नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क पहुंचने से पहले आठ चीते होंगे जयपुर में लैंड

धरती पर सबसे तेज रफ्तार वाले जीव कहे जाने वाले चीते की देश में लंबे अरसे के बाद वापसी हो रही है। ऐसा पहली बार है कि चीतों को एक दूसरे महाद्वीप से भारत में लाया जा रहा है।

पहले चरण में अफ्रीका के नामीबिया से आठ चीते लाए जा रहे हैं। इनमें पांच मादा और तीन नर चीते हैं। सभी चीते चार से छह साल के हैं। इन चीतों को अफ्रीका से कार्गो विमान से सबसे पहले जयपुर एयरपोर्ट लाया जाएगा। यहां इन चीतों को 45 मिनट के भीतर ही दो हेलीकॉप्टर में शिफ्ट कर मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर के लिए रवाना कर दिया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनमें से तीन चीतों को इसी दिन नेशनल पार्क के क्वारेंटाइन सेंटर में छोड़ेंगे।

खुशकिस्मती की बात यह है कि देश में सबसे पहले इन चीतों को जयपुर लाया जाएगा। ये चीते 16 सितंबर को अफ्रीका से रवाना होकर 17 सितंबर की सुबह करीब आठ बजे जयपुर पहुंचेंगे। इस दौरान जयपुर एयरपोर्ट पर ही चीतों के स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए एक विशेष टीम मुस्तैद रहेगी। राजस्थान में चीता पुर्नवास के लिए खास सैंक्चुरी तैयार करने की तैयारी थी, लेकिन उसके प्रयास माकूल नहीं रहे। ऐसे में राजस्थान में दूसरे फेज में चीते लाए जाने के कोशिशें की जा रही हैं।

राजस्थान में वन विभाग के मुखिया डीएन पांडे ने कहा कि चीते लाने के लिए जो जरूरी है, वह किया जाएगा। एक दौर था जब राजस्थान में चीते बहुतायत में पाये जाते थे। चीते का आवास खुले घास के मैदानों में हुआ करता था। इनका पसंदीदा शिकार चिंकारा हिरन और काले हिरन राजस्थान के कई हिस्सों में मौजूद हैं। राजस्थान में चीता लाने के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष एमके रंजीत सिंह के साथ प्रदेश का दौरा करने वाले तत्कालीन हेड ऑफ फोरेस्ट फोर्स यूएम सहाय ने बताया कि अब दुनियाभर में चीतों के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है, उन्हें फिर से उन इलाकों में आबाद करने की कोशिश की जा रही है, जहां कभी वे पहले रहा करते थे।

सहाय ने बताया कि खुशकिस्मती से राजस्थान के कई इलाके आज भी इस लायक हैं, जहां फिर से चीतों को आबाद किया जा सकता है। चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए यहां खुले घास के मैदान भी मौजूद हैं और इनके शिकार के लिए चिंकारा और काला हिरन भी पर्याप्त मात्रा में हैं। हालांकि पहले चरण में लाए जा रहे 8 चीते मध्य प्रदेश ले जाए जाएंगे। फिलहाल देश में कुल 50 के करीब चीते लाकर बसाए जाने हैं। वक्त के साथ पूरे देश की तरह 1950 से पहले ही राजस्थान से भी चीते लुप्त हो गए थे। राजस्थान देश में इकलौता ऐसा राज्य है जहां पर चीते के आवास के लिए अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा विकल्प मौजूद हैं।

नामीबिया से भारत लाए जा रहे आठ चीते राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश के श्योपुर पहुंचेंगे। स्पेशल कार्गो प्लेन से इन्हें नामीबिया से लाया जा रहा है। इन सभी चीतों को स्पेशल दो हेलीकॉप्टर्स से कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा। जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनमें से तीन चीतों को इसी दिन नेशनल पार्क के क्वारेंटाइन सेंटर में छोड़ेंगे। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चीफ ऑफिसर विष्णु मोहन झा ने बताया कि इन चीतों को विशेष कार्गो विमान से नामीबिया की राजधानी विंडहोक से 16 सितम्बर को रात नौ बजे रवाना किया जाएगा। जो 11 घंटे की यात्रा के बाद अगले दिन सुबह करीब आठ बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।

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