पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सरकार को एक पत्र लिखकर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर को गिरफ्तार करने की मांग की है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान का यह दांव उज्बेकिस्तान में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से पहले नई चाल है। हालांकि, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के वरिष्ठ नेता और सयुंक्त राष्ट्र में स्थाई प्रतिनिधि सुहैल शाहीन ने पाकिस्तान से ऐसी किसी भी चिट्ठी के मिलने से इनकार किया है।
सुहैल ने कहा कि अफगानिस्तान में मसूद अजहर की मौजूदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हम अपने देश में ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करते हैं जो हमारे देश में रहकर किसी और देश के लिए साजिशें रचता हो।
जानकारी के अनुसार मसूद अजहर अफगानिस्तान में मौजूद है और पाकिस्तान ने पड़ोसी देश को पत्र लिखकर उसकी गिरफ्तारी की मांग की है, यही नहीं पाकिस्तान के खुफिया विभाग ने पत्र में अजहर के संभावित ठिकानों के बारे में भी जानकारी भी साझा की है।
माना जा रहा है कि भारत एससीओ समिट में आतंक के खिलाफ साझा एक्शन की बात जरूर उठाएगा। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों का यह भी मानना है कि पाकिस्तान मसूद अजहर के खिलाफ ऐसी चिट्ठी इसलिए लिख रहा है क्योंकि उसको भय है कि कहीं फाइनेंसिएल एक्शन टॉस्क फोर्स उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर दे।
मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है और भारत में हुए कई आतंकी हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। 1998 में कंधार विमान अपहरण हो या जम्मू कश्मीर में विधानसभा में हमला हो या फिर 2001 में देश की संसद में आतंकी हमला हो इन सबके पीछे का मास्टरमाइंड मसूद अजहर ही है। मसूद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकी भी घोषित किया है।