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Inflation: महंगाई घटाने के उपायों का असर आने वाले महीनों में दिखाई देगा

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Effect Of Inflation Reduction Measures Will Be Visible In The Coming Months  Says Finance Ministry - Inflation: महंगाई घटाने के उपायों का असर आने वाले  महीनों में दिखाई देगा - Amar Ujala

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि महंगाई में वृद्धि का कारण प्रतिकूल तुलनात्मक आधार के अलावा खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम में आई तेजी है। मंत्रालय ने भरोसा जताया कि महंगाई पर काबू करने के लिए उठाए गए कदमों का आने वाले महीनों में असर दिखेगा।

मंत्रालय ने कहा, अगस्त में प्रमुख महंगाई 5.9 फीसदी रही है, जो लगातार चौथे महीने आरबीआई के अधिकतम संतोषजनक स्तर 6 फीसदी से नीचे है। प्रमुख महंगाई में खाद्य और ऊर्जा उत्पादों के दाम शामिल नहीं होते हैं।

मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, सरकार ने घरेलू आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं आटा, चावल मैदा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन उपायों का आने वाले महीनों में सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

जवाबदेही के साथ बेचें ग्राहकों का डाटाः डिप्टी गवर्नर
ग्राहकों के डाटा गोपनीयता की रक्षा के लिए कानून बनाया जाए और यह सुनिश्चित हो कि डाटा का मौद्रीकरण जवाबदेही के साथ हो। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि ने कहा, भारत डाटा समृद्ध देश है। डाटा का मतलब पैसा है। इसका मौद्रीकरण किया जा सकता है। इसलिए डाटा कारोबार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें नियम बनाने होंगे जो यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक डाटा न केवल सुरक्षित हैं बल्कि ग्राहकों की गोपनीयता भी सुनिश्चित करना होगा।

तेल कंपनियों को 200 अरब रुपये की मदद देगी सरकार
सरकार घाटे की भरपाई के लिए तेल कंपनियों को 200 अरब रुपये की मदद दे सकती है। इससे आगे रसोई गैस और तेल की कीमतों में कमी आ सकती है।

सूत्रों ने बताया, पेट्रोलियम मंत्रालय 280 अरब रुपये के मुआवजे की बातों पर विचार कर रहा है। लेकिन, वित्त मंत्रालय केवल 200 अरब रुपये पर ही राजी हुआ है। इस बारे में अंतिम फैसला कुछ समय बाद लिया जाएगा। देश के तेल बाजार पर तीन बड़ी सरकारी कंपनियों का 90 फीसदी कब्जा है।

जून तिमाही में इन कंपनियों को 40 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ था। सितंबर तिमाही में इसमें कमी आने की उम्मीद है क्योंकि कच्चे तेल में गिरावट आई है। तेल कंपनियों को इसलिए भी घाटा हुआ क्योंकि महंगाई रोकने के लिए अप्रैल से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की थी। सरकार ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के लिए तेल पर सब्सिडी 58 अरब रुपये तय की थी।

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