डॉलर सूचकांक में जैसे-जैसे नरमी आएगी, दोनों धातुओं में उछाल देखने को मिलेगा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के सख्त रुख से डॉलर सूचकांक अपने सामान्य स्तर 90 से बढ़कर 110.78 पर पहुंच गया है।
चांदी की कीमतें घटकर करीब दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। यह सफेद धातु में निवेश करने का अच्छा अवसर है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के अनुज गुप्ता का कहना है कि फिलहाल सोना और चांदी दोनों के लिए माहौल अच्छा है। डॉलर सूचकांक में जैसे-जैसे नरमी आएगी, दोनों धातुओं में उछाल देखने को मिलेगा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के सख्त रुख से डॉलर सूचकांक अपने सामान्य स्तर 90 से बढ़कर 110.78 पर पहुंच गया है, जो इसका 20 साल का उच्च स्तर है।दरअसल, डॉलर सूचकांक में तेजी के अलावा वैश्विक मंदी की आशंका और खाद्य महंगाई के उच्च स्तर पर पहुंचने से निवेश को लेकर रुख प्रभावित हुआ है। दुनिया में चांदी के सबसे बड़े खरीदार चीन में सफेद धातु की औद्योगिक मांग कम है।
इन वजहों से चांदी की कीमतों में गिरावट जारी है। निवेशकों के लिए यह अच्छा मौका है क्योंकि हालात बेहतर होने और औद्योगिक मांग बढ़ने से चांदी एक-डेढ़ साल में काफी अच्छा रिटर्न दे सकती है।
इन वजहों से चांदी को मिलेगा समर्थन
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- खाद्य महंगाई धीरे-धीरे कम हो रही है, जिससे लोगों में निवेश को लेकर सकारात्मक धारणा बनेगी।
- इक्विटी बाजार में वैल्यूएशन काफी उच्च स्तर पर पहुंच गई है। गिरावट की आशंका से निवेशक अब सोने और चांदी की ओर रुख करेंगे।
- कच्चे तेल में तेजी से दुनियाभर में ऊर्जा संकट का माहौल है। इस संकट से बाहर निकलने के लिए अब सोलर पैनल और ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर सरकारें ध्यान दे रही हैं। सोलर पैनल के निर्माण में चांदी का भी इस्तेमाल होता है।
- इलेक्ट्रिक वाहन की मांग बढ़ रही है। देश में 5जी लॉन्च की तैयारियां भी जोरों पर है। इसलिए वाहन और दूरसंचार उद्योग दोनों में चांदी की मांग बढ़ेगी।
- कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन खत्म होने के बाद चीन में चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ेगी, जिससे इसकी कीमतों में तेजी आएगी।
गोल्ड-सिल्वर रेश्यो अब भी उच्च स्तर पर
केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने बताया, सोने और चांदी में निवेश करते समय गोल्ड-सिल्वर रेश्यो पर भी ध्यान देना चाहिए। महामारी के दौरान 2020 में यह रेश्यो बढ़कर 124 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। फिलहाल यह 93-94 के आसपास है। उन्होंने कहा कि 15-20 साल में यह रेश्यो कभी भी 70 के ऊपर नहीं टिका है।
अगर यह मौजूदा स्तर 93-94 से गिरकर 70 पर भी आता है तो निवेशकों को मुनाफा देगा। गोल्ड-सिल्वर रेश्यो के ज्यादा होने का मतलब सोने में कीमतों में तेजी और चांदी में गिरावट है। यर रेश्यो जैसे-जैसे घटता है, चांदी में तेजी आती जाती है।
दोहरी भूमिका में ज्यादा आकर्षक : चांदी एक ऐसी कमोडिटी है, जो कीमती धातु के साथ औद्योगिक धातु के रूप में दोहरी भूमिका निभाती है। वैश्विक बाजार में तरलता सुनिश्चित करने को लेकर इसकी अहमियत रहती है। इसके अलावा, कई उद्योगों में इस्तेमाल की वजह से भी फंड मैनेजर चांदी में निवेश की सलाह देते हैं।
नई निवेश मांग दिलाएगी मुनाफा
महंगाई पर काबू पाने के लिए विकसित अर्थव्यवस्थाएं सख्त रुख अपना रही हैं। सख्ती जारी रही तो 6-9 महीने में मंदी आ सकती है। अगर ऐसे हालात बनते हैं तो बहुमूल्य धातुओं की नई निवेश मांग बढ़ेगी, जिससे दाम बढ़ेंगे।