थाना नजीबाबाद क्षेत्र में रहने वाली चार छात्राएं अचानक बीती आठ सितम्बर को लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर थाना पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तीन टीमों को उनकी तलाश में लगाया था। चारों छात्राओं को उत्तराखण्ड के देहरादून से बरामद कर पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
नजीबाबाद थाना क्षेत्र के मौ0 रम्पुरा कस्बा नजीबाबाद की रहने वाली सगी बहनें निशा (उम्र 17 वर्ष), वंशिका (उम्र 13 वर्ष) पुत्रीगण अरविन्द सालवान, आस्था (उम्र 14 वर्ष) पुत्री अनूप वाल्मिकी तथा मौ0 भवन कस्बा नजीबाबाद निवासी शिवानी सैनी उम्र 14 वर्ष पुत्री सुभाष सैनी आर्य कन्या इन्टर काॅलेज में पढ़ती हैं। आठ सितम्बर को लापता हो गई थी। एक साथ चार छात्राओं के लापता होने से परिजन घबरा गए और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर छात्राओं की खोजबीन शुरू की। तलाश के लिए पुलिस अधीक्षक ने स्वाट/सर्विलांस सहित 03 टीमें गठित की। टीमों ने चारों छात्राओं को 24 घन्टे के अन्दर सकुशल देहरादून (उत्तराखण्ड) से बरामद कर लिया।
पुलिस पूछताछ में सगी बहनों निशा व वंशिका ने बताया कि मां की मौत के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली जिससे उन्हें एक बेटा है। सौतेली मां पर आरोप लगाते हुए बहनों ने मारपीट, पिता व दादा-दादी द्वारा अभद्र व्यवहार किए जाने की बात बताई है। इसी से आजिज होकर वह नौकरी कर गुजारा करने के उद्देश्य से गई थी। छात्रा आस्था ने बताया कि उसके पिता ड्राइवर है जो रोज शराब पीकर घर आते हैं और उसके साथ मारपीट करते हैं। एकबार तो वह उसका गला भी दबा चुके हैं। उसकी आर्य समाज मन्दिर में शादी कराने की बात की जाती थी इससे परेशान होकर वह चली गई थी। वहीं शिवानी सैनी ने बताया कि उसके घरवाले भी उसके साथ मारपीट करते हैं, उसके भाई द्वारा मशीन से उसके बाल काट दिये थे। घरवालों से परेशान होकर चारों छात्राएं नौकरी करने के उद्देश्य से स्वयं ही घर से गई थी।
एसपी ने बताया कि एक साथ चारों छात्राओं के लापता होने पर उनके अपहरण की बात सोशल मीडिया पर फैल गई थी जो असत्य निकली। जांच के साथ पुलिस की टीमों ने चारों बच्चियों को सकुशल बरामद कर लिया है। उनके परिजनों को बच्चों से दुर्व्यवहार न करने की हिदायत दी गई है।