सरकार समाज के अंतिम पायदान पर रहने वाले गरीबों के कल्याण की ढ़ेर सारी कवायद कर रही है। बिहार में मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत गरीबों के उद्धार की बातें की जा रही है। लेकिन गरीब और भिखारियों की स्थिति का सही आकलन बेगूसराय जिला मुख्यालय में हो रहा है। जहां रेलवे लाइन और फोरलेन के किनारे की बस्ती में ही नहीं, बल्कि जिला के सबसे वीआईपी क्षेत्र माने जाने वाले समाहरणालय पर भी भिखारियों ने कब्जा कर लिया है। इस भिखारी परिवार से आमजन त्रस्त हैं, अधिकारी भी दिन भर देखते रहते हैं। लेकिन उसे हटाने की पहल नहीं की जा रही है।
समाहरणालय के दक्षिणी द्वार के अंदर डेरा डाले भिखारी का परिवार आते-जाते लोगों को जलील करते रहता है, गाली गलौज करता रहता है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान की हवा निकालते हुए जहां-तहां शौचकर बदबू फैला रहा है। लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है।स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से आठ सदस्यीय इस भिखारी का परिवार गांधी स्टेडियम में रह रहा था।वहां खिलाड़ियों को होने वाली परेशानी देखने के बाद पिछले वर्ष तत्कालीन दिए डीएम अरविंद कुमार वर्मा द्वारा इसे हटा कर नगर निगम के आश्रय स्थल में शिफ्ट कर दिया गया लेकिन करीब दो महीना पहले अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए निकलकर इस परिवार में समाहरणालय के दक्षिणी द्वार के अंदर डेरा डाल दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे होने वाली परेशानी को देखते हुए अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन कोई भी इस समस्या का हल नहीं कर रहा है। जिसके कारण समाहरणालय, विकास भवन और सदर अस्पताल आने जाने वाले लोगों को दिनभर गाली सुनना पड़ता है।प्रत्येक दिन कार्यालय कार्य से आने वाले मनोज कुमार, विनोद कुमार, रौशन कुमार आदि ने कहा कि जिलाधिकारी को इस मामले को संज्ञान में लेकर अविलंब पहल करनी चाहिए, इस परिवार को यहां से हटाया जाना चाहिए। जिससे लोग गाली गलौज से बच सकें, मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना तथा स्वच्छता अभियान का उद्देश्य पूरा हो सके।