राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वर्ष 2024 तक एक लाख स्थानों तक शाखा शुरू करने का लक्ष्य रखा है। बुधवार देर शाम सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की मौजूदगी में निर्णायक टोली की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई। संघ के प्रसार, विस्तार एवं अन्य सांगठनिक गतिविधियों को ग्रामीण स्तर पर और अधिक प्रभावी बनाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
संघ के एक प्रांतीय पदाधिकारी ने गुरुवार को बताया कि संघ की निर्णायक टोली ने पहले दिन की बैठक में संघ के विस्तार और अन्य सांगठनिक गतिविधियों को ग्रामीण स्तर पर और अधिक प्रभावी बनाने के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। संघ के प्रसार में आधुनिकीकरण पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि संघ ने 2024 तक शाखा कार्य एक लाख स्थानों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा राष्ट्र निर्माण, नई शिक्षा नीति, कश्मीरी विस्थापित हिंदुओं के पुनर्वास आदि मुद्दों पर भी बात हुई है।
डॉ. भागवत ने पिछली बैठकों के एजेंडे पर भी चर्चा की और उनकी प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने राजस्थान के झुंझनू में सात से नौ जुलाई 2022 तक आयोजित अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के एजेंडे को भी अखिल भारतीय समन्वय बैठक में रखने को लेकर चर्चा की। संघ की समन्वय बैठक 10 से 12 सितंबर तक रायपुर में आयोजित किया गया है। इस बैठक से पूर्व, निर्णायक टोली की बैठक चल रही है, जो बैठक के एजेंडे को अंतिम रूप देती है।
समन्वय बैठक में भारतीय मजदूर संघ के हिरण्मय पांड्या एवं बी. सुरेंद्रन, विश्व हिन्दू परिषद के आलोक कुमार एवं मिलिंद परांडे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आशीष चौहान एवं निधि त्रिपाठी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं महामंत्री संगठन बीएल संतोष और भारतीय किसान संघ के दिनेश कुलकर्णी, विद्या भारती के रामकृष्ण राव एवं गोविंद महंती, राष्ट्र सेविका समिति से वंदनीया शांताक्का तथा अन्नदानम सीताक्का, वनवासी कल्याण आश्रम से रामचंद्र खराडी एवं अतुल जोग सहित कुल 36 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी अपेक्षित हैं।