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र नई नगर पंचायतों का गठन, आठ नगर निकायों का होगा सीमा विस्तार, 15 प्रस्ताव मंजूर

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कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य।

उत्तर प्रदेश के छोटे बाजार और कस्बों में रहने वाले लोगों को भी बड़े शहरों की तरह सुविधा मुहैया कराने को लेकर सरकार की मंशा को देखते हुए प्रदेश में चार और नये नगर पंचायतों का गठन करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में अब नगर निकायों की संख्या 756 हो गई है। इसके अलावा अलीगढ़ नगर निगम और देवरिया नगर पालिका परिषद और 6 नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्तावों को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है।

कैबिनेट में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि मां कामाख्या (अयोध्या), फर्रूखाबाद की संकिसा संकिसा बसन्तपुर (फरूर्खाबाद), हेतिमपुर (देवरिया) और मथौली कुशीनगर को नई नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। संबधित कस्बे के अलावा आसपास के कई गांवों को भी शामिल करते हुए इन चारों नगर पंचायतों का गठन किया गया है।

इसके अलावा अलीगढ नगर निगम और देवरिया नगर पालिका परिषद के साथ ही 6 अन्य नगर पंचायतों का भी सीमा विस्तार किया गया है। जिन नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया गया है उनमें कम्पिल(फर्रुखाबाद), बिसण्डा (बांदा), रामनगर (बाराबंकी), रामकोला (कुशीनगर), धौरहरा (लखीपुर खीरी) और अल्हागंज (शाहजहांपुर) शामिल हैं।

अलीनगर नगर निगम में ये गांव होंगे शामिल
प्रस्ताव केमुताबिक नगर निगम अलीगढ़ की सीमा में कुल 16 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। इनमें देवसैनी, तालशपुर कलां, सुखरावली, सिंधौली, अलीनगर, भदेशी माफी,  नगला पानखानी, पड़ियावली, रुस्तमपुर सकत खां (नगला मन्दिर),  हाजीपुर चौहट्टा, बढ़ौली फतेह खां, दयानतपुर रसीला, भकरौला, दौलारा निरपाल, खेड़िया ख्वाजा बुद्वा और अजीतपुर आसना शामिल हैं।

देवरिया में शामिल होंगे 23 गांव
नगर पालिका परिषद देवरिया का सीमा विस्तार करते हुए कुल 23 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। इनमें तिलई बेलवॉ, परसियॉ उर्फ खरजरवा, डम्भर उर्फ जटमलपुर, पगरा उर्फ परसिया, बरवॉ गोर स्थान, बड़हरा, चिन्तामन चक, पिपरपाटी, गोबराई खास, मेंहड़ा नगर बाहर, धनौती खुर्द, मूड़डीह, सकरापार, देवरिया खास, बभनी नागर बाहर, रामपुर खुर्द, भीमपुर, पिड़रा, रघवापुर, कतरारी, दानोपुर, सोन्दा और कठिनहिया सम्मिलित हैं।

नई नगर पंचायतों में शामिल होंगे ये गांव
– मां कामाख्या (अयोध्या)- सैमसी.पूर्व 06 गाटा, सैदपुर.पूर्व 02 गाटा, बिहारा.पूर्व 02 गाटा, सैमसी.पश्चिम 88 गाटा, सुनवा-पश्चिम 30 गाटा, सैमसी-उत्तर 20 गाटा, सैदपुर-उत्तर 05 गाटा, बिहारा-दक्षिण 01 गाटा और सुनवा-दक्षिण 25 गाटा का क्षेत्र।
संकिसा बसन्तपुर (फर्रुखाबाद)- संकिसा बसन्तपुर, पुनपालपुर, ईमादपुर केसर, मेरापुर, पमरखिरिया, श्योगनपुर, अर्जुनपुर, पखना हमीरखेड़ा, सिठौली।
– हेतिमपुर (देवरिया)- इन नगर पंचायत की सीमा भुजौली की गाटा संख्या 01 से 552 तथा ग्राम डुमरी एकलास की गाटा संख्या 01 से 449, उत्तर में ग्राम हेतिमपुर की गाटा संख्या 1 से 1832 तथा जिला कुशीनगर की सीमा एवं दक्षिण दिशा में ग्राम मुण्डेरा चन्द की गाटा संख्या 1 से 828 तक, ग्राम जिगनी मुसाहेब खां की गाटा संख्या 1 से 565 तक, ग्राम रामपुर जगदीश उर्फ  सिसवा की गाटा संख्या 1 से 518 तक, ग्राम कोटवा गाटा संख्या 1 से 1099 तक तथा ग्राम सहोदर पट्टी गाटा संख्या 01 से 660 तक निर्धारित की गई है।
– मथौली (कुशीनगर)- इस नगर पंचायत की सीमा में मथौली के उत्तर में ग्राम रानीपुर उर्फ हरैया, दक्षिण में ग्राम लोहेपार एवं ग्राम सिरसिया, पूरब में ग्राम फरदहा एवं ग्राम लोहेपार तथा पश्चिम में ग्राम सिरसिया एवं ग्राम बहुआस को शामिल किया गया है। 

कीट एवं रोग नियंत्रण योजना को मिली मंजूरी

कैबिनेट की बैठक में विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा खेत में खड़ी फसल, तैयार उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए कीट एवं रोग नियंत्रण योजना को हरी झंडी दी गई। इस योजना में सरकार अगले पांच वर्षों के लिए 192 करोड़ 57 लाख 75 हजार रुपये खर्च करेगी। किसानों को रासायनिक एवं जैविक कीट रसायन रक्षा इकाई से अनुदान पर दिया जाएगा। वहीं फसलों को सुरक्षित रखने के लिए बखारी पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रस्ताव पास किया गया।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के मुताबिक फसलों में खरपतवार रोग तथा कीट से होने वाली क्षति को नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक की अवधि के लिए विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट एवं रोग नियंत्रण योजना अनुमोदित की गयी है। वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत विभिन्न कार्य मदों में 3417.90 लाख रुपये खर्च होंगे। पर्यावरण संरक्षण व विषरहित खाद्यान्न उत्पादन के लिए बायोपेस्टीसाइड्स तथा बायो एजेंट्स 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी के मुताबिक योजना के अंतर्गत सभी किसान अनुदान के पात्र होंगे लेकिन प्राथमिकता लघु एवं सीमांत कृषकों को दी जाएगी।

लंबे समय तक अनाज को रख सकेंगे सुरक्षित
कृषि मंत्री शाही के मुताबिक किसानों को फसलों में हर वर्ष खरपतवार, फसली रोग, कीट रोग, क्षति भंडारण, चूहों समेत अन्य वजहों से भारी नुकसान होता है। हर वर्ष किसानों को खरपतवार की वजह से 15-20 प्रतिशत, फसली रोगों से 26 प्रतिशत, कीट रोगों से 20 प्रतिशत, भंडारण की उचित व्यवस्था न होने से 7 प्रतिशत, चूहों से 6 प्रतिशत और अन्य कारणों से 8 प्रतिशत फसल खराब हो जाती है। इसी नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने कैबिनेट में यह निर्णय लिया है। इस योजना के बाद अब इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी वहीं उनका अनाज लंबे समय तक सुरक्षित रह सकेगा। अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसके भंडारण के लिए 2 क्विंटल से लेकर 5 क्विंटल तक की क्षमता वाले बखारी में 50 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला लिया है। इसके लिए योगी सरकार योजना में वर्ष 2022 से 2027 तक 41 लाख 42 हजार खर्च करने का फैसला लिया है।

उप्र माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक को विधान मंडल में रखने को हरी झंडी

प्रदेश सरकार ने छोटे और मध्यम व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने समेत अन्य सहूलियत देने से संबंधित ‘उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2022 को आगामी विधान मंडल में रखने का फैसला किया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।

यह जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस विधेयक की कई धाराओं में संशोधन किया गया है। ताकि छोटे ओर मझोले व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का क्लेम लेने की व्यवस्था को और सरल किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1 जुलाई 2017 से लागू इस अधिनियम को लागू किया गया है। अधिनियम की कई धाराओं की जटिलता की वजह से व्यापारियों को दिक्कत हो रही थी। इसे ध्यान में रखकर ही सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2022’ का प्रस्ताव तैयार कराया है। अब इसे विधानमंडल सत्र में पारित कराया जाना है।

विधानमंडल का मानसून सत्र 19 से, अनुपूरक बजट भी ला सकती है सरकार

विधानमंडल का मानसून सत्र 19 सितंबर से शुरू होगा। कैबिनेट बैठक में मंगलवार को विधानमंडल का मानसून सत्र आहूत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। सूत्रों के मुताबिक मानसून सत्र में सरकार कुछ विधेयक ला सकती है। वहीं 2020-21 की सीएजी रिपोर्ट भी विधानमंडल में पेश की जा सकती है। सरकार अनुपूरक बजट भी मानसून सत्र का प्रस्ताव भी पेश कर सकती है। सत्र में पहली बार विधान परिषद में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ होगी। जबकि नेता प्रतिपक्ष नहीं होंगे।

 

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