गैर सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराए जाने के प्रदेश सरकार के निर्णय पर मजलिसे उलमा ए हिंद ने नाराजगी जताई है। मजलिस के महासचिव व शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अल्पसंख्यकों में सरकार के प्रति असंतोष पैदा होगा।
अगर गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों का सर्वे कराना है तो केवल अल्पसंख्यक मदरसों के सर्वे की बात न की जाए। सभी धर्म व समुदाय के शिक्षण संस्थानों का सर्वे कराया जाए ताकि असमानता का मसला पैदा न हो। वहीं, यह भी पता चलेगा कि मदरसे अन्य वर्गों के शिक्षण संस्थानों की तुलना में कितने पिछड़े हैं।
मौलाना ने प्रदेश सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की। इसकी मांग करने वालों में मजलिस के संरक्षक मौलाना नईम अब्बास, अध्यक्ष मौलाना सैयद हुसैन मेंहदी हुसैनी, जामा मस्जिद दिल्ली के इमाम ए जुमा मौलाना सैयद मोहम्मद मोहसिन तकवी आदि शामिल हैं।