झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार को बुलाया गया है। सत्र शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायकों ने सदन के गेट के बाहर जमकर हंगामा किया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, दुमका की बेटी के हत्यारे को फांसी दो, लव जेहाद बंद करो, मुस्लिम तुष्टिकरण बंद करो के नारे लगाए।
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि राज्य में आदिवासी दलित बच्चियों की हत्या होती है और मुख्यमंत्री का बयान आता है कि ऐसी घटनाएं होती रहती है। यह शर्मनाक है। एक राज्य के मुखिया का इस तरह का बयान समस्त नारी जाति का अपमान है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है इसलिए विधायकों को कैद करके रायपुर में रखा गया। उन्होंने कहा कि अपने ही तीन विधायकों को जेल में डाला और आरोप भाजपा पर लगा रहे हैं। किसने जांच के लिए रोका है। उन्होंने कहा कि दलितों का घर तोड़ा जा रहा है। पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। मुख्यमंत्री से लेकर उनके जितने भी सहयोगी और सलाहकार हैं सभी पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं।
किसने अविश्वास प्रस्ताव लाया जो विश्वास मत हासिल कर रही है सरकार: बाबूलाल
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सत्र के लिए जो प्रोसिडिंग मिली है उसमें यह कहा गया है कि सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करेगी। मरांडी ने कहा कि सवाल उठता है कि सरकार के खिलाफ किसने अविश्वास प्रस्ताव लाया जो विश्वास मत की जरूरत पड़ गयी। सामान्य तौर पर यह होता है कि विश्वास मत के लिए राज्यपाल कहते हैं लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। यह तो पूरे देश की जनता देख रही है कि हेमन्त सरकार को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है और यही वजह है कि वे अपने सभी विधायकों को कैद करके रखे हुए हैं।
फ्लोर टेस्ट की जरूरत ही नहीं थी: बिरंची नारायण
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की जरूरत नहीं थी। न भाजपा ने, न गवर्नर ने, न हाईकोर्ट और न सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट को कहा था। सरकार अपने पाप से पर्दा हटाने के लिए यह सब कर रही है। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर भाजपा को भी समय मिले। अगर सिर्फ मुख्यमंत्री बोलेंगे और हमें बोलने का मौका नहीं मिला तो सदन नहीं चलने देंगे।