बृजमनगंज क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक थे शिव कुमार विश्वकर्मा
– प्रधानाध्यापक कक्ष मे चारपाई पर पड़ा मिला शव
जिस शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मान मिलना चाहिए, उसके एक दिन पहले ही सूदखोरों से आजिज शिक्षक ने अपनी जान दे दी। जिले के बृजमनगंज क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने सूदखोरों की धमकी से परेशान होकर प्रधानाध्यापक कक्ष में ही आत्महत्या कर ली। रविवार को हुई इस घटना से पूरे बृजमनगंज क्षेत्र स्तब्ध है। देर शाम मिली सूचना के बाद परिवारजनों की हालत खराब है। बदहवास परिजनों का रो-रोकर बेहाल है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी फरेंदा कोमल मिश्र ने बताया कि शिवकुमार विश्वकर्मा प्राथमिक विद्यालय करमहा में कार्यरत थे। रविवार की सुबह वे अपने घर से निकले थे, लेकिन जब देर शाम तक वे घर नहीं आए तो परिवारजनों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया। ढूंढते-ढूंढते रात को जब वे प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। अंदर से प्रधानाध्यापक कक्ष बंद मिला तो उनके होश उड़ गये। कुछ ही देर में वहां लोगों का जुटान भी शुरू हो गया। इस दौरान प्राथमिक विद्यालय करमहा के प्रधानाध्यापक कक्ष को खोलने का प्रयास शुरू हुआ। ग्रामीणों ने फाटक को धक्का दिया और फाटक खुला तो वहां का नजारा देखकर सबके होश उड़ गये। कक्ष के अंदर एक चारपाई पर शिक्षक शिवकुमार विश्वकर्मा की शव पड़ा हुआ था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी और धूमनगंज पुलिस ने सोमवार को शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पर भेज दिया है।
सुसाइड नोट में लिखा सूदखोरों के बारे में
पुलिस के मुताबिक चौक के पास एक सुसाइड नोट पड़ा मिला है। जिस पर शिक्षक ने अपनी आत्महत्या के कारणों का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि मैंने 03 लोगों से 02 लाख रुपये ब्याज पर ले रखा था। मूलधन चुकता कर चुका हूं। बावजूद इसके ये तीनों लोग शनिवार के दिन मेरे दरवाजे पर आए और सात लाख साठ रुपया बकाया दर्शाते पैसे की मांग करने लगे। इन लोगों ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर पैसा नहीं दिया तो तुम्हारी जान और इज्जत दोनों चली जाएगी। शायद इसके बाद ही शिवकुमार विश्वकर्मा अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य कक्ष में पहुंचे और अंदर से दरवाजा बंद कर मौत को गले लगा लिया। सम्भावित सूदखोरों को लेकर क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं शुरू हैं।