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Education News: मेडिकल, इंजीनियरिंग व लॉ कॉलेज मिलकर करवा सकेंगे डिग्री की पढ़ाई, विलय का रास्ता साफ

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सांकेतिक तस्वीर

आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अब मेडिकल, लॉ, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, आर्ट कॉलेज मिलकर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवा सकेंगे। कोई भी एमबीबीएस, बीडीएस, बीटेक करने वाला छात्र साथ में कला, मैनेजमेंट की भी पढ़ाई कर सकेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सिंगल स्ट्रीम कॉलेजों को दो या उससे अधिक कॉलेजों के साथ मिलकर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने का रास्ता खोल दिया है।

यूजीसी ने इसके लिए बाकायदा हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन इनटू मल्टी डिसप्लरी इंस्टीट्यूशन की गाइडलाइन तैयार कर ली है। यूजीसी शुक्रवार को इसे राज्यों और विश्वविद्यालयों को अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी। खास बात यह है कि नए नियमों के तहत एक कॉलेज में कम से कम तीन हजार छात्र होने जरूरी होंगे।

यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत बहुविषयक और पढ़ाई का बेहतर माहौल मुहैया करवाने के लिए इस योजना को मंजूरी दे दी है। नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इसे लागू करने की तैयारी चल रही है। इसमें बीए, बीकॉम, बीएससी, बीएड, बीटेक, एमबीबीएस, बीडीएस, बीए-एलएलबी, फिजिकल एजुकेशन जैसे सिंगल डिग्री कॉलेजों को आपस में क्लस्टर बनाकर ऐसे संस्थानों को पढ़ाने की मंजूरी देना है।

सिंगल डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने वाले डिग्री कॉलेज और विश्वविद्यालयों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। छात्रों और आर्थिक संसाधनों की कमी की वजह से बंद होने की कगार पर पहुंचे ऐसे उच्च शिक्षण संस्थान अब शहर या नजदीक के दूसरे कॉलेजों के साथ मिलकर मल्टी डिसप्लनरी कोर्स करवा सकेंगे।  इसके लिए दोनों कॉलेजों को एक समझौता करना होगा। इसमें वे एक-दूसरे के शिक्षक, भवन समेत इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग कर सकेंगे।

इस योजना में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नेशनल मेडिकल कमीशन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, इंडियन नर्सिंग काउंसिल,डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के अधीनस्थ कॉलेज एक साथ जुड़ेंगे। हालांकि दाखिला नियम व फीस संबंधित काउंसिल या कमीशन तय करेंगे।  इसके लिए यूजीसी रेग्यूलेशन 2020 में संशोधन होगा।

चार वर्षीय बीएड समेत बहुविषयक कोर्स का विकल्प चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम भी शुरू हो रहा है। एकल बीए, बीएससी, बीएड वाले कॉलेज मिलकर बीए-बीएड, बीएससी-बीएड आदि जैसे प्रोग्राम की मिलकर पढ़ाई करवा सकते हैं। इसके अलावा ऐसे कॉलेज चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम के तहत बहुविषयक प्रोग्राम को भी शुरू करवाने को लेकर करार कर सकेंगे। इसमें शिक्षक और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों का प्रयोग होगा और फायदा भी दोनों को मिलेगा।

तीन हजार से कम छात्र तो कॉलेजों का विलय
नए नियम में एक कॉलेज में कम से कम तीन हजार छात्र होने जरूरी होंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो ऐसे कॉलेजों का विलय या फिर दूसरे कॉलेज के साथ मिलकर विभिन्न डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवानी होगी। इसमें छात्र के पास सिंगल डिग्री, ड्यूल डिग्री की पढ़ाई के बेहतरीन विकल्प मिलेंगे। कोई भी कॉलेज सिंगल डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई नहीं करवा सकेगा। इसका मकसद दूरदराज, ग्रामीण व छोटे शहरों के युवाओं को घर के आसपास ही उच्च स्तरीय गुणवत्ता युक्त पढ़ाई का मौका उपलब्ध करवाना है। ताकि मार्केट डिमांड व रोजगार के लिए उन्हें गुणवत्ता युक्त बहुविषयक प्रोग्राम की पढ़ाई के लिए बड़े शहरों के बड़े विश्वविद्यालयों की ओर रुख न करना पड़े।

सात साल तक डिग्री, एंट्री-एग्जिट की सुविधा
रोजगार से जोड़ने के लिए वोकेशनल और इंटर्नशिप अनिवार्य होगी।  छात्रों को भारत की समृद्ध विरासत, पर्यावरण, भाषा, पड़ोसी समेत दुनिया के देशों के हालात, मुद्दों से लेकर साइबर सिक्योरिटी आदि की पढ़ाई अनिवार्य रूप से करनी होगी। इसका मकसद छात्र का विषय के अलावा ओवरऑल विकास व ज्ञान से जोड़ना है। चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम को इस प्रकार को तीन हिस्सों में विभाजित किया है। इसमें पहले तीन सेमेस्टर सभी छात्रों को कॉमन और इंट्रोडक्टरी कोर्स की अनिवार्य पढ़ाई करनी होगी।

इसमें साइंस, थियेटर, डांस, आर्ट, म्यूजिक, साहित्य, भाषा, पर्यावरण, मानवीय मूल्य, भारत को जानो, प्राकृतिक विज्ञान, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीवन कौशल, नागरिक के रूप में देश व समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी, कर्त्तव्य,अहिंसा,प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन आदि विषयों को जरूरी पढ़ने में शामिल किया गया है। इसमें कॉमर्न कोर्स के 24 क्रेडिट तो इंट्रोडक्टरी कोर्स के 18 क्रेडिट होंगे।

पहले साल की पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे में डिग्री और चौथे में ऑनर्स डिग्री व रिसर्च डिग्री मिलेगी। सात साल के भीतर एंट्री-एग्जिट की सुविधा मिलेगी। हर साल छात्र को कम से कम 40 क्रेडिट लेने अनिवार्य होंगे। तीन साल की सामान्य डिग्री के लिए 120 क्रेडिट और चार वषीर्य यूजी प्रोग्राम के लिए ऑनर्स व रिसर्च के साथ 160 क्रेडिट होने जरूरी होंगे।

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