लद्दाख में पैराशूट हादसे के दौरान शहीद हुए पैरा कमांडो हरवीर सिंह की पत्नी की देश सेवा का जज्बा देखने को मिली है। उन्होंने अपने दोनों बेटों को भी देश सेवा के लिए सेना में भेजने की घोषणा की है। शहीद की पत्नी का देश प्रेम और साहस देख लोग भावुक हो गए अपने आंसू नहीं रोक पाए। सभी लोग हरवीर सिंह के नाम के जयकारे लगाने गए।
सादाबाद क्षेत्र के गांव बरामई निवासी हरवीर सिंह की तैनाती आगरा में थी। भारत चीन के बीच सीमा पर तनाव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा किया था। इसलिए हरवीर सिंह को लद्दाख बुलाया गया। पिछले कई दिनों से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर युद्ध अभ्यास किया जा रहा था। युद्धाभ्यास के दौरान हरवीर सिंह ने हेलीकॉप्टर से छलांग लगाई। उनका पैराशूट नहीं खुल पाया, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना की जानकारी जैसे उनके परिजनों को हुई कोहराम मच गया। पैरा कमांडो की टुकड़ी मंगलवार को हरवीर सिंह के पार्थिव शरीर को लेकर उनके पैतृक गांव बरामई पहुंची। उनके शव को देखने के लिए आसपास के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद पैरा कमांडो हरवीर सिंह के बेटे सत्यवीर सिंह व आकाश आर्मी स्कूल आगरा में पढ़ते हैं। अंतिम संस्कार के समय पत्नी पवन देवी ने पति के नाम के जयकारे लगाते हुए और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए कहा कि मेरा पति दो लाल छोड़ कर गया है। इन दोनों को भी आर्मी में भेजूंगी। पत्नी का देश प्रेम और साहस देख लोग आंसू नहीं रोक पाए।
सादाबाद का गांव बरामई के लद्दाख में शहीद हुए पैरा कमांडो हरवीर सिंह का शव विशेष वाहन से जवानों द्वारा गांव बरामई लाया गया। पत्नी पवन देवी ने बताया कि उनके पति हनुमान चालीसा का पाठ किया करते थे। इसलिए उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि देने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए। शहीद हरवीर सिंह के बड़े बेटे सत्यवीर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।