अफगानिस्तान में तालिबान ने नया फरमान जारी किया है। तालिबान ने अफगान छात्राओं के पढ़ाई के लिए कजाकिस्तान और कतर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश दिया गया है कि छात्राएं किसी भी कीमत में काबुल न छोड़ें।
उल्लेखनीय है कि तालिबान कभी महिलाओं के पार्क में जाने पर प्रतिबंध लगा रहा है, तो कभी स्कूलों में जाने से रोक रहा है। तालिबान ने सिर्फ छात्रों को स्टडी के लिए अफगानिस्तान से बाहर जाने की इजाजत दी है। तालिबान के हाथ में अफगानिस्तान की सत्ता आने के बाद से मानवाधिकारों के हनन की घटनाएं बढ़ी हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान बर्बादी की कगार पर है।
तालिबान अफगान महिलाओं के घरों से बाहर काम करने पर पहले ही रोक लगा चुका है। स्कूलों में लड़कियां लड़कों के साथ नहीं पढ़ सकतीं। लड़कियों को छठी कक्षा के बाद शिक्षा प्राप्त करने की भी अनुमति नहीं है।इसके अलावा तालिबान ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा ढंकने के लिए मजबूर किया है। यह महत्वपूर्ण है कि तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता के अधिग्रहण के बाद अपनी पहली प्रेस कान्फ्रेंस में एक समावेशी समाज और समानता का वादा किया था।