संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शोध प्रवेश परीक्षा के दौरान मोबाइल से नकल करने का वीडियो गुरुवार को वायरल हुआ है। प्रवेश परीक्षा के तीन महीने बाद वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने वायरल वीडियो का पूरी तरह से खंडन कर इसे विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश बताया है।
विश्वविद्यालय की शोध प्रवेश परीक्षा 17 अप्रैल को डीएवी इंटर कॉलेज में हुई थी। प्रवेश परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी का आरोप लगाया था। छात्रों ने काफी हंगामा भी किया था। 10 अगस्त को परिणाम आने के बाद इस पर अंगुलियां उठनी शुरू हो गई थी।
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि शोध पर्यवेक्षक के बेटे और बेटी ने प्रवेश परीक्षा टॉप की थी। परीक्षा में 770 अभ्यर्थी शामिल हुए थे और 295 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए थे। परिणाम पर शिक्षकों के साथ ही अभ्यर्थियों ने भी कई सवाल उठाए।
बृहस्पतिवार को वायरल वीडियो में मोबाइल लेकर अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा केंद्र में नजर आ रहा है और कई अभ्यर्थी मोबाइल के साथ नकल करते दिख रहे हैं। जबकि परीक्षा के दौरान मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित था।
परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजनाथ ने बताया कि इस तरह का वीडियो विश्वविद्यालय को बदनाम करने की साजिश से वायरल किया जा रहा है। प्रवेश परीक्षा 17 अप्रैल को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई थी।